छत्रपति शिवाजी और राजर्षि शाहू महाराज के वंशज संभाजी राजे को भाजपा ने शनिवार को राज्‍य सभा के लिए नॉमिनेट किया गया। सूत्रों ने बताया कि शाही परिवार के व्‍यक्ति को नॉमिनेट कर भाजपा राजनीतिक फायदा लेना चाहती है। महाराष्‍ट्र में मराठा आरक्षण की मांग फिर से उठने लगी है। संभाजी राजे के जरिए भाजपा मराठा समुदाय को अपने साथ लाना चाहती है। संभाजी राजे सामाजिक‍ कार्यकर्ता हैं और वे आरक्षण अभियान में भी शामिल थे। भाजपा के इस कदम को योग्‍य मराठा चेहरे को सामने लाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।

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महाराष्‍ट्र में ऐसा होता आया है कि मराठा समुदाय से आने वाले व्‍यक्तियों को ही मुख्‍यमंत्री बनाया जाता है। लेकिन भाजपा ने देवेंद्र फड़णवीस जो कि ब्राह्मण है, को सीएम बनाया। आरक्षण के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां सरकार को निशाने पर ले रही हैं और उस पर आरोप लगा रही हैं कि वह ब्राह्मण केंद्रित है। पिछले महीने भाजपा ने डॉ. विकास महात्‍मे को राज्‍य सभा के लिए नॉमिनेट किया था। महात्‍मे धांगड़ समुदाय से आते हैं और वे सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनसे पहले पिछड़ा समुदाय के अमर साबले को चुना गया था।

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माना जा रहा है कि संभाजी राजे के नॉमिनेशन के जरिए भाजपा मराठा बहुल पश्चिमी महाराष्‍ट्र में उपस्थिति दर्ज कराना चाहती हैं। यह क्षेत्र एनसीपी और शरद पवार का गढ़ है। बताया जा रहा है कि भाजपा पहले छत्रपति उदयनराज भोसले के पास गई थी। वे भी शिवाजी के परिवार से हैं और एनसीपी की टिकट पर सतारा से सांसद रह चुके हैं। भाजपा ने उन्‍हें अपने साथ लाने की कोशिश की लेकिन दांव चल नहीं पाया।

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राज्‍यसभा की 27 सीटों के लिए शनिवार (11 जून) को हुए मतदान के नतीजे आ गए।