महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार गिरने के बाद आए दिन एमवीए (MVA) की तीनों पार्टियों (कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी) में नाराजगी को लेकर खबरें आती रहती हैं। अब जो खबर सामने आ रही है, वो यह है कि महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष के पद को लेकर कांग्रेस दोनों पार्टियों ( शिवसेना, एनसीपी) से नाराज चल रही है।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार (12 अगस्त, 2022) को राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में शिवसेना के अंबादास दानवे की नियुक्ति को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, ‘उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन “स्वाभाविक और स्थायी नहीं है”। पटोले ने चेतावनी देते हुए कहा कि संबंध एक अलग स्थिति में बनाए गए थे।

शिवसेना ने हाल ही में दानवे को विधान परिषद में एलओपी के रूप में चुना है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कदम था, जिसने राज्य में उसके सहयोगियों को नाराज कर दिया। पटोले ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को लूप में लिए बिना यह कदम उठाया गया।

पटोले ने कहा, ‘विधान परिषद में एलओपी का पद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दिया गया है, जबकि परिषद के उपाध्यक्ष का पद शिवसेना को दिया गया है। इसलिए हमारा विचार था कि कांग्रेस को विधान परिषद एलओपी का पद मिलना चाहिए, लेकिन यह फैसला हमको बिना बताए लिया गया। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को उठाएंगे।’ पटोले ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में शिवसेना से बात करने को तैयार है।

पटोले ने कहा, ‘हम बात करने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। अगर वे (शिवसेना) बात नहीं करना चाहते हैं, तो यह उनकी चिंता है। हमने उनके साथ एक अलग स्थिति में गठबंधन किया था। यह हमारा प्राकृतिक या स्थायी गठबंधन नहीं है’।

कांग्रेस के राज्य प्रमुख ने इस दौरान महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नई सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार केंद्रीय एजेंसियों और धन का उपयोग करके बनाई गई। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी।पटोले ने कहा, “सरकार बनने के 39 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। महाराष्ट्र में एक परंपरा है कि विभागों को तुरंत आवंटित किया जाता है।