बिहार के विधानसभा चुनाव में एससी-एसटी समुदाय के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर भी एनडीए को जबरदस्त कामयाबी मिली जबकि विपक्षी महागठबंधन का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।

243 सीटों वाली बिहार की विधानसभा में 40 सीटें आरक्षित हैं। इसमें से 38 अनुसूचित जाति (एससी) और 2 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। 40 सीटों में से एनडीए के खाते में 35 सीटें आई हैं जबकि महागठबंधन को सिर्फ 5 सीटें मिली।

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एससी समुदाय के लिए आरक्षित 38 विधानसभा सीटों में से एनडीए को 34 और एसटी समुदाय के लिए आरक्षित सीटों में से एक सीट मिली है जबकि महागठबंधन को एससी समुदाय के लिए आरक्षित सीटों में से 4 और एसटी के लिए आरक्षित सीटों में एक सीट मिली है।

पिछली बार आगे रहा था महागठबंधन

2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 38 एससी सीटों में से 17 सीटें जीती थी जबकि महागठबंधन आगे निकल गया था और 21 सीटों पर उसे जीत मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था हालांकि उसे किसी भी आरक्षित सीट पर जीत नहीं मिली थी लेकिन उसने जेडीयू और आरजेडी को नुकसान पहुंचाया था।

एनडीए में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा?

राजनीतिक दल लड़ी गई सीटें जीती गई सीटें
जेडीयू1613
बीजेपी 1212
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास)85
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) 44

2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को एससी के लिए आरक्षित सीटों में से 8 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी ने 9 सीटें जीती थी। इस लिहाज से इस बार दोनों ने ही एससी सीटों पर अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। 

आरजेडी में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा?

दल (Party)लड़ी गईं सीटें (Contested Seats)जीती गईं सीटें (Won Seats)
राजद 204
कांग्रेस 120
सीपीआई (एमएल) लिबरेशन60
भाकपा (CPI)20

महागठबंधन को 2020 के चुनाव की तुलना में काफी नुकसान हुआ है। पांच साल पहले आरजेडी ने 9 एससी सीटें जीती थीं, उसके बाद कांग्रेस और वामपंथी दलों ने 4-4 सीटें जीती थीं। हालांकि एससी आरक्षित सीटों पर आरजेडी का प्रदर्शन खराब रहा लेकिन फिर भी उसका वोट शेयर अच्छा रहा है। 

एससी सीटों पर किसे कितने वोट मिले?

राजनीतिक दल मत प्रतिशत
आरजेडी21.75%
जेडीयू19.07%
बीजेपी 15.84%
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास)9.17%
कांग्रेस 8.48%
सीपीआई (एमएल) लिबरेशन6.40%
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM(S))4.91%
जन सुराज पार्टी 3.48%
बसपा 1.63%

पिछले कुछ विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच संविधान, आरक्षण और वंचित समुदायों के हक और हिस्सेदारी को लेकर जुबानी जंग देखने को मिली है। बिहार जैसे राज्य में जहां के चुनाव में जाति बेहद अहम भूमिका निभाती है, दोनों ने ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अधिकतर सीटों पर अपने सहयोगी दलों को लड़ने का मौका दिया था। 

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