RSS Rally: मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को 6 नवंबर को रैली आयोजित करने के लिए आरएसएस को अनुमति देने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आदेश का उल्लंघन करने पर अधिकारियों को अवमानना कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। तमिलनाडु सरकार ने 2 अक्टूबर को आरएसएस की रैलियों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद संघ हाई कोर्ट पहुंचा था। जस्टिस जी के इलांथिरैयन ने शुक्रवार को इस अवमानना याचिका पर सुनवाई की।
सरकार ने दिया था कानून व्यवस्था का हवाला
जस्टिस जी के इलांथिरैयन ने तमिलनाडु पुलिस को आरएसएस को रैली के लिए अनुमति देने का निर्देश दिया और कहा कि इस आदेश को न मानने की स्थिति में उन्हें अवमानना की कार्रवाई का सामना करना होगा। गांधी जयंती पर आरएसएस के रूट मार्च के विरोध में कुछ समूहों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की बात कही गई थी जिसके बाद राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए उसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था।
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि सरकार ने उसे अपनी योजना पर आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि हमारा मार्च शांतिपूर्ण है और मद्रास हाई कोर्ट ने पहले ही इसके लिये अनुमति दे दी है। हम इस मुद्दे पर कानूनी रूप से आगे बढ़ेंगे। डीएमके सरकार ने वीसीके, भाकपा और माकपा को भी दो अक्टूबर को मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से मना कर दिया था।
पूरे मामले में संघ ने मद्रास हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की, जिसमें तमिलनाडु के गृह सचिव फणींद्र रेड्डी और पुलिस महानिदेशक सी शैलेंद्र बाबू को अदालत के 22 सितंबर के आदेश को लागू नहीं करने के लिए दंडित करने की मांग की गई। अदालत ने उन्हें RSS की स्थानीय इकाइयों को रूट मार्च और बाद में रविवार को एक जनसभा करने की इजाजत देने को कहा था। इस अर्जी पर जस्टिस जी के इलांथिरैयन की बेंच ने सुनवाई की। जस्टिस ने आरएसएस की तरफ से पेश हो रहे वकील बी राबू मनोहर को अवमानना याचिका दायर करने की अनुमति दी थी।