मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी ने अपनी फेयरबेल पार्टी में बड़ी बात कह दी है। पहले से ही चीफ जस्टिस के ट्रांसफर का विरोध यहां जमकर हो रहा है। जस्टिस बनर्जी का ट्रांसफर मेघालय उच्च न्यायालय में कर दिया गया है।

अपने सहयोगियों को फेयरबेल मैसेज में मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने अपने कार्यस्थल की “सामंती संस्कृति को ध्वस्त” करने में सक्षम नहीं होने के लिए खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा- “मुझे खेद है कि आपको मुझे लंबे समय तक रखना पड़ा। मैं आपके पूर्ण सहयोग की सराहना करता हूं। मुझे खेद है कि मैं उस सामंती संस्कृति को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सका जहां आप नौकरी करते हैं”।

फेयरबेल मैसेज के तौर पर जस्टिस संजीव बनर्जी ने एक खत लिखा था। जिसमें वो आगे लिखते हैं- “रानी और मैं इस खूबसूरत और गौरवशाली राज्य में हर किसी के लिए हमेशा ऋणी हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपको अलविदा न कहने के लिए माफी मांगता हूं। आप देश के सर्वश्रेष्ठ लोगों में से हैं..”।

इस दौरान उन्होंने सिस्टम और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए रजिस्ट्री के प्रयासों की सराहना की। उन्हें पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के अपने प्रयास को जारी रखने की भी सलाह दी। अपने विदाई संदेश को समाप्त करते हुए न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा कि वह सबसे सुखद यादों के साथ जा रहे हैं।

बता दें कि 16 सितंबर को हुई बैठक में चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस बनर्जी के तबादले की सिफारिश की थी। हालांकि इस फैसले को 9 नवंबर को सार्वजनिक कर दिया गया था। इस फैसले पर जमकर विवाद हुआ। मद्रास हाईकोर्ट के वकील इस फैसले के विरोध में उतर गए। मद्रास बार एसोशियन भी इस फैसले के विरोध में प्रस्ताव पास कर चुका है।

हालांकि विवादों के बीच मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी, मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालने के लिए 17 नवंबर की सुबह चेन्नई से निकल गए। जस्टिस बनर्जी को 22 जून, 2006 को एक स्थायी न्यायाधीश के रूप में कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ में पदोन्नत किया गया था। जिसके बाद इसी साल उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था।