मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती एक बार फिर सूबे की शिवराज सिंह चौहान सरकार के सामने मुश्किलें पैदा करती दिखाई दे रही हैं। दरअसल, कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने पिछले दिनों रायसेन के किले स्थित प्राचीन मंदिर का ताला खोलने की मांग की थी। वहीं, अब उमा भारती ने ऐलान किया है कि वे गंगोत्री के जल से वहां जलाभिषेक करेंगी।

हाल ही में पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान बयान दिया था और सीएम शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देते हुए कहा था कि वे आएं और रायसेन के किले में जिस सोमेश्वर महादेव के मंदिर में ताला जड़ा है, उसे खोलें और शिवजी को कैद से बाहर निकालें। वहीं, अब उमा भारती ने सिलसिलेवार ट्वीट्स कर कहा है कि वे रायसेन के किले में जाकर ताले में बंद शिव के मंदिर में जलाभिषेक करेंगी। उमा भारती के इस ऐलान के बाद रायसेन में प्रशासन की बेचैनी बढ़ गई है।

उमा भारती ने गुरुवार को सिलसिलेवार ट्वीट्स करते हुए कहा, “मैं शिवजी के किसी सिद्ध स्थान को तलाश ही रही थी कि नवरात्रि के बाद के 11 अप्रैल सोमवार को गंगोत्री से लाए हुए गंगाजल से अभिषेक करूं। मुझे रायसेन में कथा कर रहे प्रतिष्ठित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के हवाले से यह जानकारी मिली कि रायसेन के किले में एक ऐसा सिद्ध शिवलिंग है।”

मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम ने आगे लिखा, “रायसेन के किले के नाम से ही मेरे अंतः में हूक उठती है। विश्व प्रसिद्ध प्रामाणिक इतिहासकार अब्राहम इरली ने अपनी पुस्तक Emperors of the Peacock Throne में लिखा है कि किस तरह से रायसेन के राजा पूरणमल शेरशाह सूरी के विश्वासघात के शिकार हुए। किले के चारों तरफ घेरा डालकर शेरशाह सूरी ने राजा पूरणमल से संधि कर ली, फिर उनके परिवार एवं उनके सहायकों के टेंट को शेरशाह सूरी ने अपने अफगान सैनिकों के साथ घेर लिया तथा रात में राजा पूरणमल को घेर कर मार डाला।”

उमा भारती ने आगे कहा, “मैंने अपने कार्यालय से कल कहा था कि रायसेन जिला प्रशासन को 11 अप्रैल, सोमवार को मेरे वहां जल चढ़ाने की सूचना दें। जब मैं 11 अप्रैल (सोमवार) को उस सिद्ध शिवलिंग पर गंगोत्री से लाया हुआ गंगाजल चढ़ाऊंगी।” इतिहासकारों के मुताबिक, 1543 में शेरशाह सूरी और राजा पूरणमल के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें राजा पूरणमल की हार हुई और किले पर शेरशाह सूरी का कब्जा हो गया था। शेरशाह ने किले में स्थित मंदिर में ताला जड़वा दिया था।