मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बसपा अध्यक्ष मायावती की राह पर चलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को झटका दे सकते हैं। सपा ने वहां चुनाव लड़ने को इच्छुक नेताओं से आवेदन मंगवाया है। माना जा रहा है कि अखिलेश उन्हीं नेताओं में से उम्मीदवारों का सेलेक्शन करेंगे। तीन अक्टूबर तो पार्टी की बैठक में आवेदकों के नामों पर विचार किया जाएगा। इससे पहले अखिलेश यादव दो दिनों के दौरे पर शनिवार (29 सितंबर) को शहडोल पहुंचेंगे और वहां चुनावी सभाएं करेंगे। इसके अगले दिन 30 सितंबर को वो एमपी के बालाघाट में सभा करेंगे। अखिलेश के साथ गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के अध्यक्ष हीरा सिंह मरकम भी साथ होंगे। बता दें कि सपा और जीजीपी दोनों मिलकर एमपी विधान सभा चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं।
230 सदस्यों वाली विधान सभा के लिए सपा कांग्रेस से 10 से 15 सीटों की मांग कर रही थी लेकिन कांग्रेस इस पर राजी नहीं हुई। बसपा भी 30 से 35 सीटें मांग रही थी लेकिन कांग्रेस से बात नहीं बन सकी। नतीजतन मायावती ने अपने 22 उम्मीदवार उतार दिए हैं। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अभी भी राज्य में महागठबंधन की संभावनाओं को खारिज नहीं कर रहे हैं। बता दें कि सपा अध्यक्ष ने सहयोगी दलों के साथ सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की भी बात कही है। वैसे माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश से सटे इलाकों में सपा उम्मीदवार उतार सकती है जबकि आदिवासी बहुल इलाकों में जीजीपी उम्मीदवार उतारेगी।
2013 के विधान सभा चुनाव में सपा को मात्र 0.1 फीसदी वोट मिले थे जबकि 2003 के विधान सभा चुनाव में सपा ने बेहतर प्रदर्शन किया था और कुल 2.5 फीसदी वोट हासिल किया था। तब पार्टी के सात विधायक चुनकर विधान सभा पहुंचे थे। बता दें कि पिछले हफ्ते माहागठबंधन की मुहिम को तब झटका लगा था जब मायावती ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की विरोधी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से गठबंधन कर लिया और एमपी में भी 22 उम्मीदवारों का एलान कर दिया।