बीजेपी की फायरब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सोमवार को रायसेन किले के सोमनाथ मंदिर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि जब तक मंदिर का ताला नहीं खुलेगा, तब तक वो अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। हालांकि, उमा भारती के पहुंचने के बाद भी प्रशासन ने मंदिर का दरवाजा नहीं खोला।

उमा भारती ने मंदिर के दरवाजे पर ही जल चढ़ाकर वहां से रवाना हो गईं। उनके मंदिर में जलाभिषेक की घोषणा के बाद सोमवार को पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया गया था। प्रशासन का कहना है कि वो शिव मंदिर के गर्भगृह को खोलने का निर्णय नहीं ले सकते। केन्द्रीय पुरातत्व विभाग अनुमति देता है तो जिला प्रशासन मंदिर का ताला खोल देगा। रायसेन के कलेक्टर ने उमा भारती को इस बारे में अवगत करा दिया है।

गौरतलब है कि हाल ही में उमा भारती ने रायसेन के शिव मंदिर में जलाभिषेक का किया किया था। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि 11 अप्रैल को गंगोत्री से लाए हुए गंगाजल से रायसेन के सोमेश्वर धाम में गंगाजल चढ़ाऊंगी। राजा पूरणमल, उनकी पत्नी रत्नावली, दोनों बेटे व बेटी और सैनिकों का तर्पण करूंगी। अपनी अज्ञानता के लिए क्षमा मांगूंगी। फिलहाल उनके तेवर शिवराज सरकार को धर्म संकट में डाल रहे हैं।

प्रशासन का कहना है कि मंदिर का गर्भगृह केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के आदेश पर सिर्फ महाशिवरात्रि पर खोला जाता है। बाकी दिनों में यह बंद रहता है। बाहर से ही इसे देखा जा सकता है। कलेक्टर का कहना है कि मंदिर पुरातत्व विभाग के नियमों के कारण बंद है। इसे खोलना उनके बस में नहीं हैं।

रायसेन का ये मंदिर 11 वीं सदी में परमार शासन के दौरान बना था। बाद में अफगान शासक शेरशाह सूरी ने इसे मस्जिद का स्वरूप दे दिया था। आजादी के बाद यहा मंदिर को लेकर बड़ा आंदोलन हुआ। 1974 में तत्कालीन सरकार ने मंदिर की मूर्तियों को स्थापित कराया। उसके बाद से हर शिवरात्रि के मौके पर 12 घंटे के लिए मन्दिर पूजा के लिए खोला जाने लगा।