स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को खुले में शौच की कुप्रथा से मुक्त कराने की दिशा में प्रशासन द्वारा जोरशोर से की जा रही है। विगत समय-सीमा की बैठकों में भी कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों जिनके घरों में शौचालय नहीं है, उनको तब तक वेतन और मानदेय ना देने के निर्देश दिये थे जब तक कि वे शौचालय ना बना लें। गौरतलब है कि शासन के निर्देशों के अनुसार सभी विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों एवं मानदेय प्राप्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अपने आवास पर 30 अक्टूबर 2016 तक शौचालय बनाना अनिवार्य किया गया था। लेकिन जिले में 131 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 332 सहायिकाओं ने माह दिसंबर 2016 तक शौचालय का निर्माण नहीं किया। इस पर 131 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 332 सहायिकाओं का मानदेय तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। जिसके आदेश कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने जारी कर दिये हैं।
मध्यप्रदेश: कलेक्टर का आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आदेश, शौचालय नहीं तो तो मानदेय नहीं
131 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 332 सहायिकाओं का मानदेय तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
Written by जनसत्ता
कटनी (मध्यप्रदेश)

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First published on: 03-01-2017 at 14:10 IST