फिल्म दि कश्मीर फाइल्स पर बोलना एक आईएएस के लिए भारी पड़ता दिख रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने एक अधिकारी को इसे लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आईएएस अफसर नियाज खान ने इस फिल्म पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मुस्लिमों की पीड़ा-प्रताड़ना को लेकर भी फिल्म बने।

मध्य प्रदेश सरकार ने गुरुवार यानि कि 24 मार्च को आईएएस अधिकारी नियाज खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स के बारे में उनके ट्वीट नफरत फैलाने के साथ-साथ सेवा नियमों का भी उल्लंघन करते हैं। राज्य लोक निर्माण विभाग के उप सचिव नियाज खान ने पीटीआई से पुष्टि की कि उन्हें नोटिस मिला है। उन्होंने बताया कि उन्हें सात दिनों में इसका जवाब देना है।

नियाज खान ने ट्वीट करके कहा था- “द कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है। उन्हें सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रूप से रहने दिया जाना चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म भी बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं बल्कि इंसान हैं और देश के नागरिक भी”।

रविवार को एक अन्य ट्वीट में आईएएस अधिकारी ने इस फिल्म के निर्माताओं को 150 करोड़ रुपये की कमाई के आंकड़े को छूने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा इस कमाई को ब्राह्मण बच्चों की शिक्षा में खर्च किया जाना चाहिए। उनके लिए घर बनाना चाहिए।

इसके जवाब में, द कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने नियाज खान से मुलाकात के लिए समय मांगा है। अग्निहोत्री ने रविवार को ट्वीट किया कि हम मिल सकते हैं और इसके बारे में बात कर सकते हैं। वहीं राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने खान पर फिरका परस्ति का आरोप लगाया और उन्हें पीडब्ल्यूडी से हटाने की मांग की है।

बता दें कि फिल्म शुरुआत से ही विवादों में है। आलोचकों का कहना है कि फिल्म में एक खास समुदाय के खिलाफ नफरत दिखाई गई है। हालांकि पीएम समेत पूरी बीजेपी इस फिल्म के पक्ष में है और बीजेपी शासित राज्य में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है।