मध्य प्रदेश की पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ललिता यादव ने जनसत्ता डॉट कॉम पर प्रकाशित एक खबर पढ़कर पीड़ित लड़की का इलाज सरकारी खर्चे पर कराने का एलान किया है। सोमवार (30 जनवरी को) पीड़ित लड़की के घर पहुंचकर मंत्री ने उससे मुलाकात की और सरकारी मदद का भरोसा दिलाया। मंत्री ने कहा कि 1 फरवरी को लगने वाले विशेष स्वास्थ्य शिविर में पीड़ित बच्ची की बीमारी की न केवल गहन जांच की जाएगी बल्कि विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेकर उसका पूरा इलाज सरकारी खर्चे पर कराया जाएगा। दो दिन पहले ही जनसत्ता.कॉम ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव के वार्ड नंबर 19 के हल्लू कॉलोनी में रहने वाली शालिनी यादव की खबर छापी थी जो बचपन से ही चर्म रोग की गंभीर बीमारी स्क्लोरोसिस से ग्रसित है। बीमारी की वजह से उसके पूरे शरीर से चमड़ी की परतें निकलतीं हैं।
शालिनी सोलह सालों से इस दर्द को झेलने के लिए मजबूर है। बीमारी की वजह से उसे स्कूल आने से मना कर दिया गया था। उसके बाद सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जब वो आधार कार्ड बनवाने गई तो उससे भी इनकार कर दिया गया था। निराश शालिनी का कहना था कि कि वो कुदरत के इस दर्द को तो झेल लेती है लेकिन समाज के ताने और दिए दर्द को नहीं झेल पा रही है। शालिनी कहती थी कि ऐसी जिंदगी जीने से बेहतर मौत है लेकिन मंत्री जी के आश्वासन के बाद उसमें फिर से जीने की ललक पैदा हो गई है।
शालिनी की मां देवकुंवर यादव आंगनबाड़ी सहायिका है। उनके पति बेरोजगार हैं इसलिए बमुश्किल परिवार का पेट भरती है। बेटी की बीमारी के बारे में कहती हैं कि उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक इलाज कराने की कोशिश की लेकिन मर्ज दिनोदिन बढ़ता गया। कोई भी बच्चा शालिनी के पास नहीं फटकता। कोई भी इसके साथ खेलना नहीं चाहता। पहले स्कूल जाती थी तो वहां बच्चे डरते थे तो टीचर ने स्कूल आने से मना कर दिया। वो कक्षा ४ तक ही पढ़ सकी है।

