मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव को देखते हुए बीजेपी पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मंगलवार को इसी कड़ी में देर रात गृह मंत्री अमित शाह की भोपाल में दस्तक हुई और करीब दो घंटे तक उन्होंने राज्य के बड़े नेता के साथ मंथन किया। उस बैठक में सीएम शिवराज से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक मौजूद रहे।

अमित शाह क्यों पहुंचे भोपाल?

उस एक मीटिंग ने साफ कर दिया कि बीजेपी को मध्य प्रदेश चुनाव में एकजुट होकर ही लड़ना होगा। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें सामने नहीं लाया जा सकता। अमित शाह ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि राज्य में बीजेपी के अंदर ही कई नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। उन्होंने इसे पार्टी के खिलाफ बताया और सभी को साथ मिलकर विजय संकपल्प यात्रा शुरू करने की नसीहत दी।

एमपी के लिए क्या है शाह मंत्र?

गृह मंत्री ने जोर देकर कहा है कि मध्य प्रदेश की तैयारियों पर वे खुद ही नजर रखने वाले हैं। हर 15 से 20 दिनों में वे राज्य का दौरा कर सकते हैं। यानी कि मध्य प्रदेश में किसी भी तरह की चूक ना हो, कर्नाटक जैसा हाल ना हो, ऐसे में शाह खुद ही जिम्मेदारी लेना चाहते हैं। न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस हाई लेवल मीटिंग में अमित शाह के साथ सीएम शिवराज, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव, नरोत्तम मिश्रा, विष्णु दत्त शर्मा शामिल रहे।

नाराज क्यों हुए अमित शाह?

बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह इस बात से सफा नजर आए कि अभी तक पार्टी ने राज्य में आक्रमक तरीके से अपना प्रचार शुरू नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि विजय संकल्प अभियान के जरिए पार्टी के पक्ष में पूरे राज्य में माहौल बनाया जाए। वैसे अमित शाह ने इस बैठक से ये भी साफ हो गया है कि शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ही इस बार का चुनाव भी लड़ा जाएगा। बताया जा रहा है कि चुनावी मौसम में कोई बड़ा परिवर्तन करने की तैयारी नहीं है।

सीएम चेहरे पर दो टूक?

अब ये मायने रखता है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबर आ रही थी कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। उस तनाव के बीच अमित शाह ने साफ कर दिया है कि आपसी मतभेद भुला साथ में आगे बढ़ना होगा।