मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने में अब पांच महीने रह गए हैं। इस बीच कांग्रेस ने दलित नेता सुरेंद्र चौधरी को उप मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। बावजूद इसके सुरेंद्र चौधरी को डिप्टी सीएम बनाने का चुनाव पूर्व ऐलान किया गया है। इसका सीधा मकसद दलितों को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राज्य प्रभारी दीपक बावरिया ने गुरुवार को भोपाल में इसका ऐलान करते हुए कहा कि अगर पार्टी राज्य की सत्ता में आती है तो चौधरी डिप्टी सीएम होंगे। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से ये ऐलान तब हुआ है जब राज्य में बसपा के साथ चुनावी गठजोड़ की संभावनाएं कमजोर पड़ने लगी हैं। कुछ दिनों पहले बसपा के एक नेता ने सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही थी।

उत्तर प्रदेश के उप चुनावों में विपक्षी गठबंधन को मिली जीत और कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठजोड़ के बाद मिली सत्ता के बाद इसकी संभावनाएं काफी बढ़ गई थीं कि मध्य प्रदेश में अगर कांग्रेस का बसपा से गठजोड़ हुआ तो तीन बार से लगातार राज्य की सत्ता पर काबिज हाने वाली बीजेपी को हराया जा सकता है लेकिन अभी तक इन दोनों पार्टियों के बीच किसी भी तरह के सीट बंटवारे पर कोई बात न तो बन सकी है और न ही शुरू हो सकी है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस ने दलित कार्ड खेलते हुए चौधरी को डिप्टी सीएम बनाने का ऐलान किया है। कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि पहले भी पार्टी में दलितों और आदिवासियों को सम्मान दिया जाता रहा है। कांग्रेस की तरफ से दिवंगत जमुना देवी का उदाहरण देकर कहा गया है कि उन्हें पार्टी ने नेता विरोधी दल बनाया था। बाबरिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश को पहला दलित राष्ट्रपति और पहला दलित मुख्यमंत्री भी दिया है।

न्यूज 18 इंडिया के मुताबिक इस एलान के बाद विपक्षी बीजेपी ने हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस ने दलित समाज का अपमान किया है। बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने पूछा कि दलित उप मुख्यमंत्री ही क्यों दलित मुख्यमंत्री का एलान कांग्रेस ने क्यों नहीं किया? इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने पलटवार किया और आरोप लगाया कि बीजेपी ने कभी किसी दलित को कोई बड़ा पद नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बाबरिया का बयान दर्शाता है कि कांग्रेस को ही दलितों की फिक्र है, किसी और को नहीं। बता दें कि राज्य में कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं के बीच सीएम पद को लेकर अंदरखाने खींचतान है। इनमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शामिल हैं।