मध्य प्रदेश में बीते दिनों कई दर्जन गायों की मौत से हुए विवाद के बाद अब राज्य में कमलनाथ सरकार नया नियम लाई है। इसके तहत अब गायों के मृत शरीर को खुले में छोड़ने वालों को सजा दी जाएगी। कमलनाथ सरकार ने कहा है कि राज्य में सभी मृत गायों को दफन किया जाएगा और जो लोग शव को खुले में छोड़ेंगे उन्हें सजा मिलेगी। इस सजा में अनुदान और गौशालाओं के पंजीकरण को रद्द करना शामिल होगा। साथ ही अगर नगर निगम के कर्मचारी इस काम में लापरवाही बरतते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

सरकार की योजना गायों के लिए ‘समाधि योजना ’लाने की है। जिसके तहत सभी गौशालाओं और नगर निगमों को गायों को सम्मान के साथ दफनाने के लिए निर्देशित किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गाय के मृत शरीर को नमक और अन्य रसायनों के साथ दफनाया जाएगा ताकि शव जल्द फर्टिलाइज हो सके।

प्रमुख सचिव पशुपालन मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि, ‘हम जल्द ही सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करने जा रहे हैं। समाधि योजना अपनी तरह की पहली योजना होगी। अभी लोग जीवित गायों के सम्मान के बारे में तो बात करते हैं लेकिन कोई भी मृत गायों के बारे में बात नहीं करता है।’ उन्होंने कहा, ‘फसल के लिए शवों का उर्वरक बहुत फायदेमंद होता है। लोग इसे अपनी खेती में भी इस्तेमाल कर सकते हैं’।

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने नाम सामने न लाने की शर्त पर बताया कि, ज्यादातर मामलों में मृत गायों के शव को खुले में छोड़ दिया जाता है, और बाद में गायों की हड्डियों को बेच दिया जाता है। इसे समाप्त करने के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू करने का फैसला किया। वहीं, बीते हफ्ते ही भोपाल नगर निगम ने गाय शवों के सम्मानजनक निपटान के लिए भोपाल में 5 एकड़ भूमि पर भारत के पहले गौ मुक्तिधाम (श्मशान) के निर्माण की घोषणा की थी।