इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के मामले में करीब 84 घंटे तक जेल में रहे भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को रविवार (30 जून, 2019) को रिहा कर दिया गया। भोपाल की विशेष अदालत ने उन्हें शनिवार (29 जून) को जमानत दी थी। आकाश जब जेल से बाहर आए तब लोगों ने उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया। आकाश के रिहा होने की खबर मिलते ही समर्थकों ने विधायक के दफ्तर के बाहर खूब जश्न मनाया और गोलीबारी भी की। न्यूज एजेंसी एएनआई ने जश्न मना रही भीड़ और गोली चलने का वीडियो जारी किया है।

वहीं रिहा होने पर भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें जेल जाने का दुख नहीं है। विधायक ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में जब एक महिला को घसीटा जा रहा हो, मैं कुछ और करने के बारे में सोच नहीं सकता था। मैंने जो किया उसके लिए शर्मिंदा नहीं हूं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हां, मगर भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वो मुझे दोबारा बल्लेबाजी करने का मौका ने दें।’ आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े विवाद के बाद आकाश ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था।

बता दें कि भोपाल की विशेष अदालत ने भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को शनिवार को ही जमानत दे दी थी। लेकिन “लॉक-अप” के तय समय तक स्थानीय जेल प्रशासन को उनकी जमानत का अदालती आदेश नहीं मिल पाने के कारण विजयवर्गीय को कारागार में लगातार चौथी रात गुजारनी पड़ी। जेल शब्दावली के मुताबिक नियमित गिनती के बाद कैदियों को कारागार के भीतरी परिसर से दोबारा कोठरी में भेजकर बंद किये जाने को “लॉक-अप” करना कहा जाता है।

जिला जेल की अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया, “लॉक-अप के शाम सात बजे के नियत समय तक मुझे विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश नहीं मिला। लिहाजा जेल मैन्युअल के मुताबिक हमने उन्हें शनिवार रात रिहा नहीं किया।”