संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर घमासान में अब कई इन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी कूद पड़े हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि फिल्म में अगर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ हुई तो वे इसे मध्यप्रदेश में रिलीज नहीं होने देंगे जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिनेमाई लाइसेंस किसी को ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावती’ में अगर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर चित्तौड़ की महारानी (रानी पद्मावती) के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गए तो इसे मध्यप्रदेश में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चौहान ने यहां मुख्यमंत्री आवास पर राजपूत समाज के सम्मेलन में कहा कि इतिहास पर जब फिल्में बनाई जाती हैं तो ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कोई बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरा देश एक स्वर में कह रहा है कि फिल्म में ऐतिहासिक मूल्यों से खिलवाड़ किया गया है। इसलिए मैं पूरे जोश और होश में यह कह रहा हूं कि ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर रानी पद्मावती के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गए हैं, तो उस फिल्म का प्रदर्शन मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं होगा। उन्होंने कहा, भारतीय नारी अपने सम्मान की रक्षा के लिए राख के ढेर में तब्दील हो सकती है। महारानी पद्मावती भारतीय नारी का सच्चा प्रतिबिंब हैं। हम बचपन से रानी पद्मावती के त्याग और जौहर के बारे में पढ़ते आए हैं। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही देश के वीरों की स्मृति में भोपाल में बनने वाले वीर भारत स्मारक स्थल में महारानी पद्मावती का भी स्मारक बनाने की घोषणा की। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राजपूत समाज के लोग यहां मुख्यमंत्री से मिले और उनसे फिल्म पद्मावती पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) ने हरियाणा पुलिस से राज्य भाजपा के प्रमुख मीडिया समन्वयक सूरजपाल अमू से जुड़ी उन रिपोर्टों पर गौर करने को कहा है जिनमें उन्होंने भंसाली और दीपिका पादुकोण का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। हरियाणा के डीजीपी को भेजे एक पत्र में आयोग ने उनसे ‘मामले में तत्काल गौर’ करने को कहा। हरियाणा भाजपा ने भी सोमवार को अमू को कारण बताओ नोटिस जारी किया। मेरठ के एक युवक ने कुछ दिन पहले पांच करोड़ रुपए इनाम की घोषणा की थी, जिसके बाद अमू ने नई दिल्ली में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान इनाम की राशि दोगुनी करने की घोषणा कर दी। अमू ने कथित तौर पर कहा था, ‘सिर काटने वालों को हम दस करोड़ का इनाम देंगे और साथ ही उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करेंगे… हम अच्छी तरह जानते हैं कि राजपूत समुदाय का अपमान करने वालों से कैसे निपटा जाता है।’ हरियाणा भाजपा ने तुरंत ही खुद को अमू के बयान से दूर कर लिया और कहा कि उन्होंने यह बयान निजी तौर पर दिया है। विवादों के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिनेमाई लाइसेंस किसी को ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने कहा कि किसी को इतिहास के साथ छेड़छाड़ का अधिकार नहीं है। उन्होंने चित्तौड़ का इतिहास पढ़ा है। तथ्यों के साथ छेड़छाड़ से जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं उन्हें विरोध करने का अधिकार है।