मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सोमवार को एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ता की हिरासत में कथित पिटाई के आरोप में अडिशनल एसपी समेत दो पुलिस अफसरों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। आरएसएस कार्यकर्ता सुरेश यादव पर इंटरनेट पर इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप था। एक मुस्लिम समूह द्वारा शिकायत किए जाने के बाद रविवार को पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज करते हुए यादव को हिरासत में ले लिया। शिकायत के अनुसार यादव ने एक व्हाट्सऐप मैसेज में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। यादव ने अपने मैसेज में कथित तौर पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। यादव आरएसएस के जिला प्रचारक हैं।
जिस बैहर थाने में मामला दर्ज किया गया उसके थाना प्रमुख ज़िया-उल हक़ और एक अन्य अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। हक़ ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि यादव की पिटाई नहीं की गई थी, उन्हें बस एक थप्पड़ मारा गया था। हक़ ने कहा, “यादव सहयोग नहीं कर रहे थे इसलिए थोड़ी हाथापाई हुई थी। जब उन्हें पुलिस थाने लाया गया तो वो भागकर एक दवा की दुकान में छिप गए। हमने उन्हें वहां से दबोचा। क्या हमें आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? क्या कुछ लोग कानून से ऊपर होते हैं?” वहीं आरएसएस का दावा है कि हक़ ने उनके बैहर कार्यालय में जाकर अन्य कार्यकर्ताओं के सामने उनकी यादव की पिटाई की। विश्व संवाद केंद्र के महाकौशल प्रांत कार्याध्यक्ष प्रशांत पॉल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यादव की पुलिस थाने में भी पिटाई की गई।” प्रशांत ने कहा, “आम तौर पर ऐसे मामले साइबर सेल को भेजे जाते हैं, उनमें पुलिस आरोपी की पिटाई नहीं करती।” प्रशांत के अनुसार यादव ने “केवल एक पोस्ट शेयर की थी जिसमें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ईद मनाने की बात कही गई थी।”
हक़ के अनुसार, “उन लोगों ने ‘इसे पाकिस्तान भेजो’ जैसे नारे लगाए और मुझे टुकड़ों टुकड़ों में काटने की धमकी दी।” बालाघाट के एसपी असित यादव ने बताया कि एएसपी राजेश शर्मा और हक़ के खिलाफ ‘हत्या का प्रयास’ का मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि हक़ के अनुसार तीन अन्य पुलिसवालों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
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