मध्य प्रदेश में एक महिला ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि पुलिस ने उसको और परिवार को यूरिन (पेशाब) पिलाई। महिला के मुताबिक बहू के लापता और ‘हत्या’ में शामिल होने की बात कबूल करवाने के पुलिस ने उनपर और उनके परिवार पर एक-दूसरे का यूरिन पीने का दबाव बनाया। 40 वर्षीय महिला ने अपने हलफनामे में पुलिस पर अमानवीय यातना का आरोप लगाया है। महिला ने बताया कि उनके पति, बेटे और चार नाबालिग बच्चों को बहू के लापता होने के मामले में पुलिस स्टेशन में 15 दिन की हिरासत में लिया गया था। महिला ने पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला ने राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पुलिस महानिदेशक आरके शुक्ला, राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य महिला आयोग, पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक से मामले की शिकायत करते हुए आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। महिला के हलफनामे के मुताबिक उसके बेटे ने पाटन गांव की रहने वाली एक लड़की से करीब 3 साल पहले शादी की थी। एक साल पहले लड़की गायब हो गई थी। पुलिस का कहना है कि हम इस मामले में जांच कर रहे हैं। महिला इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें दर्ज करा चुकी है लेकिन उऩके दावे गलत साबिल हुए हैं।
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लड़की के गायब होने के संबंध में उसके परिवार वालों ने सिद्दीकगंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि लड़की के भाई ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में बन्दी प्रत्यक्षीकरण (habeas corpus) याचिका दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस को महिला को खोजने के निर्देश दिए गए थे। महिला और उसके परिवार को कथित तौर पर आस्ता पुलिस ने जांच पड़ताल के लिए हिरासत में लिया था। महिला ने आरोप लगाया कि सिद्दीकगंज पुलिस स्टेशन के इंचार्ज ने इस मामले में आगे जाने पर उन्हें और उनके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने और झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी थी।

