मध्य प्रदेश के स्पेशल टास्क फॉर्स के चीफ सुधीर शाही को पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह डॉक्टर एसडब्ल्यू नकवी को नियुक्त किया गया है। एसटीएफ चीफ को हटाने का फैसला ऐसे समय में किया गया है जब भोपाल जेल से भागने के कथित मामले में सिमी के संदिग्ध आतंकियों के एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने सोमवार को बताया था कि सिमी के आठ संदिग्ध आतंकी जेल से फरार हो गए थे। बाद में मुठभेड़ में ये आतंकी मारे गए। संदिग्ध आतंकियों के जेल से भागने पर पांच पुलिसकर्मी निलंबित भी कर दिए गए थे। वहीं कैदियों ने भागने से पहले एक हैड कांस्टेबल की गला काटकर हत्या कर दी थी। एनकाउंटर में मारे गए संदिग्धों के नाम शेख मुजीब, माजिद खालिद, अकील खिलची, जाकिर, सलीख महबूब और अमजद हैं। ये जेल में ओढ़ने के काम आने वाली चादर की मदद से आतंकी दीवार फांदकर फरार हो गए।
ये सभी विचाराधीन कैदी थे जिन पर खंडवा में एटीएस जवान सहित दो नागरिकों की दिनदहाड़े हत्या, रतलाम में भी एटीएस जवान की हत्या, देशद्रोह, बैंक डकैती,लूट जैसे संगीन अपराधो के गंभीर आरोप थे। जानकारी के अनुसार मारे गए संदिग्धों में से चार ने बिजनौर में बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। बिजनौर से ये लोग दुर्घटनावश हुए विस्फोट के बाद भाग गए थे। 12 सितंबर 2014 को बिजनौर की जातन कॉलोनी के एक घर में विस्फोट हो गया था। इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो घर में रहने वाले छह लोग वहां से भाग गए थे। घर से भागने छह लोगों की पहचान सिमी सदस्य असलम, एजाज, जाकिर, अमजद, सल्लू उर्फ सलीक और महबूब के रूप में हुई थी।
जांच में सामने आया था कि ये सिमी सदस्य घर में बम बनाने की कोशिश कर रहे थे, तभी वहां पर विस्फोट हो गया। इस हादसे में महबूब घायल हो गया था। असलम और एजाज 3 अप्रेल 2015 को तेलंगाना में एक एनकाउंटर में मार गए थे और चार अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था। ये साल 2013 में खंडवा जेल से फरार हो गए थे, जिसके बाद से पुलिस इन्हें ढूंढ़ रही थी। सिमी के संदिग्ध आतंकियों के एनकाउंटर में मारे जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी की ओर से जहां दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए वहीं आम आदमी पार्टी की अलका लांबा ने भी इस पर शक जाहिर किया। वहीं भाजपा ने एनकाउंटर का बचाव करते हुए इस पर सवाल उठाने वालों की आलोचना की है।
