ऐसा माना जा रहा है कि पिछले साल पठानकोट और उरी में हुए आतंकी हमले के तार मध्य प्रदेश में पकड़े गए आईएसआई नेटवर्क से जुड़े हुए हो सकते हैं। पकड़े गए इन आईएसआई नेटवर्क के जरिए मध्य प्रदेश की एटीएस टीम इन दोनों जगह सैन्य ठिकानों पर हुए आतंकी हमले के बारे में पता लगा रही है। इस मामले में एटीएस ने अपनी जांच शुरु कर दी है। एटीएस इस दिशा में इसलिए जांच कर रही है क्योंकि पठानकोट और उरी में हुए हमलों में जैसी सटीक जानकारी आतंकियों के पास थी वैसी ही जानकारी एटीएस को मिली है जो कि पाकिस्तान में मध्य प्रदेश के नेटवर्क का इस्तेमाल कर भेजी जा रही थी।
इसके साथ ही एटीएस को संदेह है कि मध्य प्रदेश में आईएसआई ने अपना नेटवर्क जिस तेजी से बढ़ाया है वहां पर जरुर कोई घटना घट सकती है। आपको बता दें कि एटीएस टीम ने पता लगाया है कि मध्य प्रदेश में आईएसआई का नेटवर्क तीन शहरों में फैला हुआ है। इनमें जबलपुर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, ग्वालियर में वायुसेना के महाराजपुरा एयरबेस और भोपाल में थ्री ईएमई जैसी महत्वपूर्ण आर्मी यूनिट शामिल हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एटीएस पकड़े गए सभी आरोपियों से सख्ती से पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तान से संचालित जासूसी और हवाला कारोबार से जुड़े सतना के बलराम सहित ग्वालियर से पांच, भोपाल से तीन और जबलपुर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नंवबर 2016 में जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आरएस पुरा सेक्टर में सतविंदर सिंह और दादू नाम के दो व्यक्तियों को सुरक्षा प्रतिष्ठानों की तस्वीरें लेने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसियों द्वारा इन दोनों से पूछताछ के बाद मध्य प्रदेश एटीएस ने ये गिरफ्तारी की है। ये लोग पाकिस्तान में बैठे लोगों द्वारा संचालित इस गिरोह के लिये देश में हवाला करोबार के जरिये धन और अन्य सुविधायें उपलब्ध कराते थे।
