मध्यप्रदेश के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश और बाढ़ से पिछले 24 घंटे में और सात लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में अभी तक वर्षा और बाढ़ जनित हादसों में कुल 22 लोग मारे गए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में लगभग पूरे प्रदेश में भारी वर्षा होने की आशंका जताई है। मुख्यमंत्री प्रेस प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने सोमवार (11 जुलाई) को बताया कि बाढ़ और वर्षा जनित हादसों की वजह से प्रदेश में अब तक कुल 22 लोगों की मौत हुई है जबकि नौ लोग लापता हैं। इनमें भोपाल और जबलपुर जिलों में पांच-पांच, विदिशा में तीन और रायसेन, रीवा, सागर, मंडला, टीकमगढ, सिवनी, दमोह, सीहोर, और आगर मालवा जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रदेश में सबसे अधिक 80,000 लोग भोपाल में प्रभावित हुए हैं। इसके बाद शाजापुर जिले में 50,000, जबलपुर जिले में 45,000, सतना जिले में 25,000, हरदा जिले में 25,000 और पन्ना जिले में 21,000 लोगों सहित पूरे प्रदेश में करीब 3,32,400 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावितों के लिए प्रदेश में 68 राहत शिविर बनाए गए हैं। इनमें 15,810 लोगों को आश्रय दिया गया है। भोपाल के 14 राहत शिविरों में 6,710, हरदा के 18 शिविरों में 2,000, सीहोर के आठ राहत शिविरों में 2,000, विदिशा के सात शिविरों में ।,400, और सतना के पांच शिविरों में ।,265 लोगों को रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेज बारिश और बाढ़ से 2,360 मकान ध्वस्त हो गए हैं जबकि 17,263 मकान आंशित रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक जून से 10 जुलाई तक हुई वर्षा के आधार पर प्रदेश में 34 जिलों में सामान्य से अधिक, 11 जिलों में सामान्य, पांच जिलों में कम तथा एक जिले में अल्प वर्षा दर्ज की गई है। राहत उपायुक्त के अनुसार, गुना, नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़ और आगर-मालवा जिलों में अनेक स्थानों पर 11 जुलाई को भारी और बहुत भारी वर्षा होने की जानकारी मिली है। इसी तरह श्योपुर, भोपाल, इंदौर, रायसेन, झाबुआ, अलीराजपुर, होशंगाबाद, हरदा, धार, खरगोन, खंडवा, शिवपुरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, विदिशा, देवास और अशोक नगर जिले में कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने पूर्ण आशंका है।

उन्होंने बताया कि दमोह, जबलपुर, नरसिंहपुर, भोपाल, सागर, रायसेन, विदिशा, देवास, मंदसौर, खंडवा, इंदौर और बैतूल जिले के कलेक्टरों और संबंधित संभाग आयुक्तों को सतर्क रहने को कहा है। इसी प्रकार गुना, राजगढ़, सीहोर, आगर-मालवा, उज्जैन और होशंगाबाद जिले में अत्यधिक सर्तकता बरतने को कहा गया है। प्रदेश में एनडीआरएफ की 45 दल, एसडीआरएफ के 5,000 जवानों, पुलिस बल के 800 और अन्य बल के 5,100 जवानों को बाढ़ राहत और बचाव के लिए तैनात किया गया है। जबकि सेना के 120 जवानों की सेवा सतना जिले में बाढ़ प्रभावितों को बचाने में ली गई।

इसबीच, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार (11 जुलाई) को राजधानी में वर्षा से उत्पन्न स्थिति और बाढ़ राहत कार्यो की समीक्षा के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों के रोकथाम की पुख्ता व्यवस्था करने तथा इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। प्रदेश में अति वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का सर्वे कार्य शुरू हो गया है। चौहान ने बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल के नमूनों की जांच करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चत किया जाए कि कहीं भी दूषित पेयजल से बीमारियां नहीं फैले तथा प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त दवाईयां उपलब्ध रहें। उन्होंने अतिवर्षा से हुए नुकसान का प्रतिवेदन शीघ्र केन्द्र सरकार को भेजने का निर्देश अधिकारियों को दिया। इसके साथ ही छिंदवाड़ा जिले के परासिया पुल टूटने से ग्राम बेलगांव में फंसे दस लोगों को निकालने की त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।