स्टूडेंट ऑफ इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के 8 सदस्यों के जेल से फरार होने के बाद एनकाउंटर में मार गिराए जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी की ओर से जहां दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए वहीं आम आदमी पार्टी की अलका लांबा ने भी इस पर शक जाहिर किया है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसके पीछे साजिश होने का शक जाहिर करते हुए कहा, “वह जेल से भागे थे या उन्हें किसी साजिश के तहत जेल से भगाया गया था। इसकी जांच होनी चाहिए।” वहीं कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा, “चूंकि जेल से फरार हुए सभी सिमी सदस्यों को मार गिराया गया इसलिए अब सही जानकारी मिलनी मुश्किल है। इस बात की न्यायिक जांच होनी चाहिए कि वह जेल से कैसे फरार हुए।” इतना ही नहीं, चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी विधायक अलका लांबा ने भी कहा कि सभी आठ आतंकी एक ही जगह पर मार गिराया जा सकते हैं?
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हालांकि विपक्षियों के आरोप पर मध्यप्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी भी चुप नहीं रही। बीजेपी के सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिग्विजय सिंह के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, ” उन्हें आतंकियों की तरफदारी करना पसंद है। जिस वक्त उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस की पीठ थपथपानी चाहिए उस समय वह उल्टा शक कर रहे हैं।” सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने किसी एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हों। इससे पहले वह दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर को भी झूठा बताते थे। लेकिन कोर्ट में वह गलत साबित हुए थे।
बता दें कि दिवाली की रात जेल से फरार होने से पहले सिमी सदस्यो ने हेड कांस्टेबल की गला रेतकर हत्या कर दी थी और फिर दीवार फांदकर फरार हो गए थे। जानकारी के अनुसार, तड़के तीन से चार बजे के बीच जेल के बी ब्लॉक में बंद सिमी के आठ सदस्यों ने बैरक तोड़ने के बाद हेड कांस्टेबल रमाशंकर की हत्या कर दी। इसके बाद जेल में ओढ़ने के काम आने वाली चादर की मदद से दीवार फांदकर फरार हो गए। हालांकि खुफिया सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आखिरकार सभी सदस्यों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
