मध्य प्रदेश के धार जिले में एक कुत्ते के नाम सरकारी राशन की दुकान से एक साल से अनाज उठाया जा रहा था। धार जिले के बोदिया पंचायत से एक जन वितरण प्रणाली की दुकान से 60 किलो अनाज लिया जा चुका था। आखिरकार पिछले सोमवार (24 सितंबर) को इस सरकारी लूट का भंडाफोड़ हुआ। कुत्ते के मालिक नरसिंह बोदार ने कुत्ते को अपने बच्चे के रुप में राशन कार्ड में दिखाया था और इसी के आधार पर उसके हिस्से का अनाज ले रहा था। इस गड़बड़झाले का पर्दाफाश तब हुआ जब जन वितरण प्रणाली की दुकान में सोमवार को आधार कार्ड को वैरीफाई किया जा रहा था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक फूड ऑफिसर आनंद गोले ने बताया, “बोदर ने राशन कार्ड में अपनी पत्नी और बेटे का नाम लिखा था, राशन कार्ड लगभग एक साल पहले बनाया गया था, राशन कार्ड में जिस बच्चे का नाम राजू लिखा था वो उसका कुत्ता निकला।”

रिपोर्ट के मुताबिक बोदर राशन दुकान और सप्ताह के लिए अनाज मांग रहा था। इस पर हाल के आदेश के मुताबिक दुकानदार कैलाश मारु ने उससे परिवार के आधार कार्ड की कॉपी मांगी, बोदर ने दुकानदार को अपना और अपनी पत्नी का राशन कार्ड तो दिखा दिया, लेकिन जब उससे राजू के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “ओह वो तो मेरा कुत्ता है, बोदर जब तक चोरी से बचने के लिए कुछ और बात बना पाता दुकानदार कैलाश को लगा कि मामला कुछ गड़बड़ है, उसने सच्चाई का पता लगाने के लिए रिकॉर्ड को खंगाला। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि राशन कार्ड पंचायत ऑफिस में बनाया गया था। अनाज अधिकारी ने कहा, “हमलोग मामले की जांच कर रहे हैं, सही कदम उठाया जाएगा।” अनाज अधिकारी ने दावा किया कि सरकारी पोर्टल पर आधार कार्ड अपडेशन का काम चल रहा था, इस दौरान सभी लाभुकों को अपना आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा जाता है।