बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे कई  अभियान के बाद भी देश में  कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों के बीच बेटे और बेटी में फर्क ना करने की सोच अभी भी विकसित नहीं हुई है। बेटा होने की चाह का भूत अभी भी ग्रामीण इलाकों में लोगों के सिर सवार है। बेटा पैदा करने की रट पारिवारिक फसाद से लेकर जिंदगी खत्म  करने जैसी घटनाओं का कारण बनती आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में सामने आया है।

मध्य प्रदेश के खंडवा में एक महिला ने अपनी दो नाबालिग बेटियों संग मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि महिला पर उसके सास-ससुर और पति बेटा पैदा करने का दबाव बनाते थे। रोज-रोज के झगड़े और तानों से क्षुब्ध आकर महिला ने अपनी नाबालिग बेटियों संग कुएं में छलांग लगा दी। घटना खंडवा के ग्राम टाकलीकला गांव की है।महिला के भाई के मुताबिक सुरेश पटेल और संतोष बाई की शादी 16 साल पहले हुई थी। शादी के तीन साल बाद संतोष ने एक बेटी को जन्म दिया।

बेटी के पैदा होने से परिवार वाले खुश नहीं थे। इस दौरान मामला थाने भी गया लेकिन मान मनौव्वल के बाद संतोष और सुरेश साथ रहने को राजी हो गए। कुछ दिन बाद संतोष को एक और बेटी पैदा हुई जिसके बाद संतोष की ससुराल में माहौल तनावपूर्ण हो गया। उसके पति और ससुराल वाले उसे तंग करते। उसे मायके भी नहीं आने दिया जाता था।

घटना को लेकर पुलिस का कहना है कि मामले की प्राथमिक जांच में पता चला है कि पति द्वारा मारपीट और पारिवारिक कलह के चलते महिला ने अपनी बेटियों संग जान दे दी। जांच की जा रही है और इसपर आगे कार्रवाई की जाएगी।