मध्य प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर देने के लिए अब गौ कैबिनेट के गठन का ऐलान किया है। बताया गया है कि इसमें सात अलग-अलग सरकारी विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। बताया गया है कि इस कैबिनेट की पहली बैठक 22 नंवबर को गोपाअष्टमी के मौके पर अगर-मालवा में बनाए गए गौ-अभयारण्य में रखी जाएगी। यह त्योहार खासतौर पर भगवान कृष्ण और गायों की पूजा के लिए मनाया जाता है।
मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार ने यह फैसला गायों की क्षमता और मौजूद संसाधनों के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था के वैकल्पिक स्रोत विकसित करने के लिए लिया है। गौ कैबिनेट में जो विभाग शामिल किए गए हैं, उन सभी का सरोकार गायों से है। इनमें पशुपालन विभाग, वन विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान-कल्याण विभाग शामिल हैं।
यह सभी छह विभाग गायों की संरक्षण को लेकर सामूहिक रूप से फैसला लेंगे। पशुपालन विभाग गायों के प्रजनन और गौशालाओं की देखभाल करती है। इसके साथ ही वन विभाग भी संरक्षण का काम करेगी। साथ ही गृह विभाग रक्षा का काम करेगी। सरकार की घोषणा के बाद सभी विभागों ने पहली कैबिनेट मीटिंग को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीद है कि पहली ही कैबिनेट में शिवराज सरकार कुछ बड़े फैसले ले सकती है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “रोजगार मुहैया कराने के लिए सिर्फ औद्योगिकीकरण ही एकमात्र हल नहीं हो सकता। गायों से जुड़ी अर्थव्यवस्था सतत है, जो कि पिछले दो हजार सालों से लगातार चल रही है। इस कैबिनेट के जरिए सरकार गौ-अर्थव्यवस्था को के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में मदद मुहैया कराएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिलेंगे। साथी ही उनके वेतन में भी वृद्धि होगी।”