मध्य प्रदेश के बैतूल में एक अनोखे विवाद में दो गांवों के लोग उलझे हुए हैं। आपने परिवारों के बीच जमीन और संपत्ति के विवादों के बारे में तो सुना होगा। लेकिन इन दो गांवों के लोग देवी-देवताओं की मूर्तियों और एक मंदिर को लेकर आमने- सामने आ गए हैं। यह मुद्दा इस हद तक पहुंच गया कि एक गांव के लोगों ने दूसरे का बहिष्कार तक कर दिया है। गांव से पानी, दूध, दही, और दैनिक उपयोग की दूसरी सभी वस्तुओं की खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यहां तक ​​कि बच्चों को एक दूसरे के गांव के स्कूलों में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं है। विवाद बढ़ता देख प्रशासन और पुलिस ने इसको सुलझाने के लिए हस्तक्षेप किया है।

क्या है मामला: डीएनए में छपी खबर के मुताबिक, ताप्ती नदी पर पारसडोह बांध के बनने के बाद यह विवाद शुरू हुआ था। यहां दो गांव, कुटखेड़ी और पौनी नदी के किनारे बसे हैं। ऐसे में जैसे-जैसे नदी में पानी बढ़ने लगता है आसपास के इलाकों में भी बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं। कुटखेड़ी में ताप्ती त्रिवेणी श्रवण तीर्थ पर एक धार्मिक आयोजन आयोजित किया जाता है। जिसके लिए ग्रामीणों ने लाखों रुपये खर्च कर एक मंदिर का निर्माण करवाया। लेकिन अक्सर बाढ़ के चलते मंदिर डूब जाता है। ऐसे में अब मंदिर के जलमग्न होने पर पौनी गांव के लोगों ने मंदिर से मूर्तियों को अपने यहां शिफ्ट करने का निर्णय लिया। साथ ही मंदिर को भी दूसरी जगह स्थांतरित करने की मांग की। जिसके बाद दोनों गांव के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों ही तरफ के लोग मंदिर को अपने-अपने गांव में रखना चाहते हैं। जिसके चलते कुटखेड़ी गांव के लोगों ने पौनी का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया।
National Hindi News, 04 August 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

पुलिस का दखल: इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन दोनों गांव के लोगों के बीच विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने दोनों गांवों के बीच एक बैठक आयोजित करने के लिए एक टीम भेजकर मामले में मध्यस्थता करने की कोशिश की है और कुटखेड़ी गांव के निवासियों को बहिष्कार खत्म करने और विवाद को आपसी सहमति से निपटाने के लिए कहा है।