मध्यप्रदेश के इंदौर में एक रिटायर्ड कर्मचारी के परिवार की 37 लाख रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया है। बता दें कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए मध्यप्रदेश में बनाए गए विशेष कानून के तहत की अदालत ने एक रिटायर्ड कर्मचारी के परिवार की करीब 37 लाख रुपए मूल्य की बेहिसाब संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया है। यह आदेश शुक्रवार (11 अक्टूबर) को दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह संपत्ति वर्ष 2012 में लोकायुक्त पुलिस के छापों के दौरान सामने आई थी।
चल-अचल संपत्ति हुई जब्तः विशेष न्यायाधीश प्रकाशचंद्र आर्य ने मामले में कैलाश सांगते (62) के परिवार के सदस्यों की 36 लाख 92 हजार 624 रुपए मूल्य की संपत्ति को जब्त करने का आदोश दिया है। बता दें कि इसमें रिटायर्ड कर्मचारी की चल-अचल संपत्ति भी शामिल है। गौरतलब है कि अदालत ने ‘मध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011’ के तहत यह फैसला सुनाया है।
महंगी गाड़ियों के साथ बीमा योजनाओं में भी निवेश के सबूत मिलेः विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने फैसले को उद्धृत करते हुए बताया कि अदालत ने जिन चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है। वे सांगते के पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदी गई थीं। बता दें कि इनमें उज्जैन स्थित एक भूखंड और एक मकान भी शामिल हैं। इसके अलावा चार पहियों वाली दो महंगी गाड़ियां और बीमा योजनाओं में निवेश के भी सबूत मिले हैं।
2012 में हुई थी लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापे मारीः महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने यह भी बताया है कि लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर सांगते के ठिकानों पर 12 जनवरी 2012 को छापे मारे थे। तब वह उज्जैन नगर निगम में सहायक राजस्व निरीक्षक के रूप में तैनात थे। अब वह रिटायर्ड हो चुके हैं। बता दें कि सांगते अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर वर्ष 1987 से सरकारी सेवा में शामिल हुए थे।