मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के नसरुल्लागंज का नाम बदल दिया गया है। नसरुल्लागंज तहसील का नाम अब बदलकर भैरूंदा कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद आज राजस्व विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है।

नसरुल्लागंज का नाम बदलकर भैरूंदा किया गया

नसरुल्लागंज तहसील बुधनी विधानसभा क्षेत्र में आता है। रविवार (2 अप्रैल) को नसरुल्लागंज का गौरव दिवस भी मनाया जा रहा है। नसरुल्लागंज के गौरव दिवस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शाम 6 बजे शामिल होंगे। कार्यक्रम से ठीक पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद आज राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करते हुए नसरुल्लागंज का नाम बदलकर भैरूंदा किया गया।

धर्म को आधार बनाकर स्थानों के नाम बदल रही शिवराज सरकार- कांग्रेस

गौरतलब है कि 1908 में नसरुल्लागंज का नाम भैरुंदा ही था, जिसे बदलकर नसरुल्लागंज किया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 फरवरी 2021 को नाम बदलने का ऐलान किया था। लंबे समय से नसरुल्लागंज के निवासी शहर का नाम भैरुंदा करने की मांग कर रहे थे। वहीं, दूसरी ओर स्थानों का नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने कहा है कि शिवराज सरकार सिर्फ धर्म को आधार बनाकर स्थानों के नाम बदलने में जुटी हुई है।

होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम किया गया था

इससे पहले शिवराज सरकार होशंगाबाद शहर का नाम बदलकर नर्मदापुरम और भोपाल के इस्‍लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर कर चुकी है। वहीं होशंगाबाद जिले का बाबई जो महान कवि माखन लाल चतुर्वेदी का जन्मस्थान है उसका नाम बदलकर माखन नगर कर दिया गया था। सीएम शिवराज सिंह ने इन दोनों ही जगहों के नाम बदलने की घोषणा 3 फरवरी 2022 को की थी।

नसरुल्लागंज का इतिहास

नसरुल्लागंज के इतिहास पर गौर करें तो इसका संबंध भोपाल के नवाब परिवार से है। नवाब सुल्तानजहां बेगम ने अपने तीनों पुत्रों को भोपाल के पास जागीर दी थी। सबसे बड़े बेटे नसरुल्ला खां को दी गई जागीर का नाम उनके नाम पर नसरुल्लागंज पड़ा। भोपाल रियासत का 1908 का राजपत्र नोटिफिकेशन बताता है कि नसरुल्लागंज का नाम उस वक्त भैरुंदा ही था। राजपत्र में उल्लेख है कि भैरुंदा भोपाल रियासत के दक्षिणी संभाग के आठ परगना में से एक परगना था। उस वक्त भैरुंदा और आस-पास दरी बुनने का काम होता था और काफी बुनकर यहां रहते थे।