मध्यप्रदेश में किसानों की कर्जमाफी के लिए कमलनाथ सरकार ने निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार के इस कदम से किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा और जिन किसानों ने 11 दिसंबर 2019 तक पूरा या कर्ज का कुछ हिस्सा जमा कर दिया है उनको भी कर्जमाफी का फायदा मिलेगा। कैबिनेट से कर्जमाफी की योजना को मंजूरी मिलने के बाद कृषि विभाग ने यह निर्देश जारी किए। कमलनाथ सरकार की इस योजना के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम से राज्य के कोष से राशि किसान के फसल ऋण खाते में जमा कराई जाएगी।

बता दें कि इस योजना से सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और राष्ट्रीयकृत बैंक से दो लाख रुपए तक का फसल ऋण लेने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार के इस नए फैसले से करीब 35 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। हालांकि, आयकर भरने वाले किसानों का कर्ज माफ नहीं होगा।

कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक- बता दें कि मध्यप्रदेश में 5 जनवरी को मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। जिसमे फैसला लिया गया था कि किसानों का 1 अप्रैल 2007 से 12 दिसंबर 2018 तक का कर्ज माफ किया जाएगा। साथ ही 26 जनवरी तक तीन तरह के फाॅर्म सभी राष्ट्रीयकृत, सहकारी और ग्रामीण बैंकों में उपलब्ध कराए जाएंगे। 5 फरवरी तक ग्राम पंचायतों में कर्जमाफी के फॉर्म बांटे जाएंगे। गौरतलब है कि पहले 31 मार्च 2018 तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया गया था। लेकिन बाद में इसे संशोधित किया गया।

मध्यप्रदेश सरकार की किसान कर्जमाफी की योजना में सीमांत और लघु किसानों को शामिल किया गया है। इस योजना पर अमल के लिए विकास खंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) को जिम्मेदारी दी गयी है। अगले महीने की 22 तारीख से ऋण मुक्ति के प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे और किसानों के खाते में पैसा भेजना शुरू किया जाएगा।

इनके कर्ज होंगे माफ़- 31 मार्च 2018 तक बैंकों के खातों में जिन किसानों पर फसल कर्ज होगा वो माफ होगा, 31 मार्च 2018 को बकाए कर्ज का 12 दिसंबर 2018 तक पूरा या आंशिक चुका दिया है तो वो भी माफ होगा, 1 अप्रैल 2007 के बाद लिए गए कर्ज जो 31 मार्च 2018 तक नहीं चुकाए गए या बैंकों ने जिन्हें एनपीए घोषित कर दिया हो उनको भी इस योजना से फायदा मिलेगा साथ ही जिन्होंने 12 मार्च तक लोन पूरा या आंशिक तौर पर चुका दिया है अर्थात जो कर्ज अदा किया गया है वो उनको वापस होगा।

कैसे होगी कर्जमाफी- सरकार द्वारा किसानों के खाते में सीधे रकम डाली जाएगी, फसल ऋण खाते में किसानों का आधार नंबर होना जरूरी होगा। कर्जमाफी के लिए सरकार MP-online पोर्टल तैयार करेगी। इस पोर्टल का मैनेजमेंट किसान कल्याण और एग्रीकल्चर विभाग करेगा। जिला कलेक्टर के नेतृत्व में हर पंचायत स्तर कर्जमाफी के लिए पात्र किसानों की लिस्ट बनेगी।