देश भर में ऐप बेस्ड कैब (Cab) का चलन काफी बढ़ गया है। कई बार कैब बुक करने के बाद इसे कैंसिल करने की खबरें भी सामने आती रही हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ऐप बेस्ड कैब सर्विस के लिए नियम-कानून लागू करने जा रही है। इस नए नियम के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति कैब कैंसिल करता है तो उसे एक हजार रुपए चार्ज देना होगा। यह नियम इसी महीने से लागू हो सकता है। बताया जा रहा कि इसमें किराये को भी रेग्युलेट किया जाएगा।
अगस्त में ही लागू हो सकता है नियम: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमपी सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले नए नियम न केवल ओला और उबर कैब के साथ ही ऐसी कंपनियों पर भी लागू होंगे जो ऑटो, किराए पर बाइक और टैक्सी सेवा देती हैं। एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि किराए को भी रेग्युलेट किया जाएगा क्योंकि प्रशासन को लगता है कि ऐप बेस्ड टैक्सी प्रोवाइडर सेवा को और भी दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कैब में सभी के लिए अलग-अलग किराए और नियम और शर्तें हैं, जिनको बदला जाएगा। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार न्यूनतम और अधिकतम दोनों किराए तय करेगा जिससे यात्रियों को कोई असुविधा न हो।
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सरकार भी करेगी निगरानी: एमपी परिवहन विभाग के उप सचिव नियाज अहमद खान के मुताबिक, टैक्सी सेवा देने वालों के लिए नए नियम जल्द लागू होंगे। जिनमें सुरक्षा विशेषताएं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। अगर कैब किसी अलग लोकेशन की ओर जाती है या फिर बीच रास्ते पर रुकती है तो कंट्रोल रूम तक अलर्ट पहुंच जाएगा। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि ऐप कैब के नए नियम के अनुसार, प्रति कैब कैंसलेशन चार्ज एक हजार रुपए होगा।

