मध्य प्रदेश विधानसभा ने शुक्रवार को एआईएमआईएम लीडर असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ सर्वसम्मति से निषेध प्रस्ताव पास किया। ओवैसी ने कहा था कि वे ‘भारत माता की जय’ के नारे नहीं लगाएंगे। कांग्रेस के सदस्य जीतू पटवारी ने शून्यकाल के दौरान ओवैसी की आलोचना करते हुए निंदा प्रस्ताव पेश किया। पटवारी ने न केवल ओवैसी की आलोचना की, बल्कि देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू को भी याद किया। पटवारी के मुताबिक, नेहरू ने अपनी किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में देश के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया था। नेहरू भारत की समृद्ध और बहुआयामी संस्कृति से प्रभावित थे और उन्होंने इसे ‘भारत माता’ बताया था। पटवारी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सभी तरह की कट्टर सोचों के खिलाफ है।
मध्य प्रदेश के संसदीय मामलों के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पटवारी के निंदा प्रस्ताव का समर्थन करते हुए ओवैसी की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की देश विरोधी मानसिकता आखिरी डेढ़ साल से नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने राम और रहीम, दोनों को समान रूप से प्रेम किया है। मिश्रा ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरू के समर्थकों और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोगों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जेएनयू में कथित तौर पर हुई देश विरोधी गतिविधियों की भी ओवैसी की तरह ही निंदा की जानी चाहिए। पंचायत मामलों के मंत्री भी ओवैसी की निंदा के लिए खड़े हुए और उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधने की कोशिश की। स्पीकर सीतासरन शर्मा ने जब देखा कि सत्तापक्ष और विपक्षी कांग्रेस के बीच किसी तरह का टकराव हो सकता है, तो उन्होंने खड़े होकर ओवैसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव के सर्वसम्मति से पास होने की इजाजत दे दी। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगे। नारे लगाने वालों में कांग्रेस के पटवारी और हरदीप सिंह डंग भी शामिल थे।
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