मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 12 साल से जेल में बंद रेप के आरोपी एक पिता को बेकसूर बताते हुए रिहा कर दिया है। हाई कोर्ट ने इस केस की जांच में पाया है कि पीड़िता को उसके पिता ने बॉयफ्रेंड के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया था, इसके चलते उसने दबाव बनाने के लिए पिता पर रेप का झूठा आरोप लगा दिया। वहीं दोबारा जब पूछताछ हुई तो लड़की ने कहा कि उसके पिता ने उसके साथ यौन संबंध बनाने की कोई कोशिश नहीं की थी।
इससे पहले मार्च 2012 में शख्स की बेटी ने उसके खिलाफ रेप का आरोप लगाया था। पीड़िता ने इस बात की जानकारी अपने दादा को दी थी, और दोनों ने ही पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और 506 के तहत केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी शख्स 21 मार्च 2012 से जेल में बंद है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस सुजॉय पॉल और विवेक जैन की पीठ ने कहा है कि यह अफसोसजनक है कि शख्स मार्च 2021 से अब तक जेल में बंद है, जबकि उनके खिलाफ रेप केस में आरोप साबित नहीं हो सके हैं। बचाव पक्ष के वकील विवेक अग्रवाल ने कहा है कि पीड़िता ने कई बार अपने बयान बदले हैं, और वे संदेहास्पद है. वहीं कोर्ट का कहना है कि अभियोजन पक्ष लड़की द्वारा लगाए गए आरोपों को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है।
विवेक अग्रवाल ने कहा है कि पूछताछ के दौरान दोबारा अपने बयान में पीड़िता यह साबित नहीं कर पाई कि शख्स ने उसके साथ यौन संबंध बनाने का प्रयास किया। बता दें कि यह मामला राजधानी भोपाल के छोला मंदिर थाना क्षेत्र का है। सेशन कोर्ट ने लड़की के पिता को 2013 में आजीवन कारावास की सजा सुना दी थी। सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ उसने 2013 में ही हाई कोर्ट में अपील की थी
पिता को बेटी के रिश्तों पर थी आपत्ति
जानकारी के मुताबिक जिस वक्त ये मामला सामने आया था, तो उस दौरान पिता और बेटी के बीच रिश्ते को लेकर खूब चर्चा हुई थी। हालांकि अब कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसा लगता है, जैसे लड़की ने अपने पिता पर दबाव बनाने की सोच से ही रेप का आरोप लगाया था, क्योंकि उन्होंने बेटी को बॉयफ्रेंड के साथ पकड़ लिया था।