मध्य प्रदेश के गुना में मंगलवार (14 जुलाई) को दलित किसानों के खेतों में पुलिसकर्मियों ने घुसकर न केवल फसल बर्बाद की बल्कि महिला-पुरुष किसी को नहीं छोड़ा। लाठी डंडों से सबकी पिटाई की। सभी घायल गुना के जिला अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। पुलिसिया दमन से तंग आकर 38 साल के राजकुमार अहीरवार ने अपनी पत्नी के साथ कीटनाशक पी लिया। वो गुना के जिला अस्पताल में एक बेड पर पड़े हैं, दूसरी तरफ उनकी पत्नी हैं।
अहीरवार ने कहा, “मेरे पास कोई चारा नहीं था। मैं उनके पास बहुत गिड़गिड़ाया कि मेरी फसलें बर्बाद मत कीजिए लेकिन उनलोगों ने एक नहीं सुनी। इन लोगों ने पिछले साल भी ऐसा ही किया था, तब मुझ पर और कर्ज बढ़ गया था। मुझे पता था कि मेरे पास अपने छह बच्चों को खिलाने के लिए कुछ नहीं बचेगा बल्कि विनाश का एक और दौर आ जाएगा।”
उस दिन जब पुलिस का एंटी एन्क्रॉचमेंट दस्ता और राजस्व विभाग के अधिकारी सोयाबीन की फसल रौंदने लगे, तब राजकुमार और उसकी पत्नी ने कीटनाशक पी लिया था। इसके बाद दोनों बेहोश हो गए। पुलिस ने उठाकर दोनों को अपनी गाड़ी में चढ़ा लिया। इसके बाद राजकुमार के भाई शिशुपाल ने रास्ता रोक दिया। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी।
शिशुपाल और उसकी माँ गीता पर पुलिसकर्मियों के डंडे बरसाने के वीडियो से इलाके में व्यापक आक्रोश फैल गया था। इस मामले में गुरुवार (16 जुलाई) को राज्य सरकार ने छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। एक दिन पहले, ही राज्य सरकार ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक का भी तबादला कर दिया।
राजकुमार के बेड के बगल में सावित्री अचेत पड़ी हैं। जब कभी मीडिया के लोग या राजनेता आते हैं, तब रिश्तेदार उसे जगाने की कोशिश करते हैं। वह बोल नहीं पा रही है। इसलिए रिश्तेदार उसे फोटो दिखाकर संकेत में बात कर रहे हैं। मीडियकर्मी भी फोटो लेने के लिए रिश्तेदार से गुजारिश करते हैं।
इस दंपत्ति के बेड के पास उनके छह बच्चे भी अस्पताल में हैं। बेहोश मां-बाप के पास रोते खड़े बच्चों की तस्वीर 14 जुलाई को वायरल हुई थी। फिलहाल ये बच्चे अपने पिता से बात कर पा रहे हैं लेकिन मां से बात करने का अभी भी इंतजार है।