कोरोनावायरस महामारी के दौर में जहां एक तरफ निजी संस्थान छंटनी में जुटे हैं, वहीं सरकारें प्रभावित कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ देकर कठिन समय में उनका हौसला बरकरार रखना चाहते हैं। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने भी कर्मचारियों को ऐसी ही खुशखबरी दी है। राज्य में नई पेंशन योजना के पात्रताधारी करीब 4 लाख कर्मचारियों के पेंशन अंशदान (CPF) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। शासन ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं।
सरकार अपनी तरफ से बढ़ाएगी फंड में योगदान: बता दें कि अब तक कर्मचारियों की तनख्वाह से हर महीने 10 फीसदी राशि कट कर सीपीएफ में जमा होती थी। इतनी ही राशि राज्य सरकार उनके सीपीएफ में जमा करती थी। लेकिन 1 अप्रैल 2021 से कर्मचारी के वेतन से तो 10 फीसदी राशि कटती रहेगी, लेकिन सरकार उनके सीपीएफ में 4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 14 फीसदी राशि जमा कराएगी। यानी हर महीने कर्मचारियों के सीपीएफ में उनकी तनख्वाह के मुकाबले 24 फीसदी राशि जमा होगी।
अतिरिक्त बोझ उठाएगी राज्य सरकार: कर्मचारियों के सीपीएफ में योगदान बढ़ाने से राज्य सरकार पर 576 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। बता दें कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन योजना में आने वाले कर्मचारियों के पेंशन फंड में जुलाई 2019 से ही 4 फीसदी ज्यादा अंश दे रही है। राज्य में अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को भी इस योजना का फायदा पहले से ही मिल रहा है।
अब यह लाभ बाकी कर्मचारियों को भी बढ़ाया जाएगा। इनमें शिक्षक संवर्ग सबसे ज्यादा लाभान्वित होगा। गौरतलब है कि इस योजना में शिक्षक संवर्ग के शिक्ष और 1 जनवरी 2005 के बाद सेवा में आए सभी कर्मचारी शामिल होंगे। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों के सीपीएफ में न्यूनतम 1200 रुपए और अधिकारियों के सीपीएफ में 4800 रुपए जुड़ेंगे।
वेतनवृद्धि के साथ महंगाई भत्ता देने की तैयारी में केंद्र: उधर केंद्र सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी और महंगाई भत्ते पर लगी रोक जुलाई से खत्म होगी। इसके बाद कर्मचारियों को बकाया डीए मिलेगा। इसके अलावा उन्हें 1 जुलाई से इन्क्रिमेंट का लाभ देने पर भी विचार बनाया जा रहा है।