मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता बाबूलाल गौर अपने बयानों के चलते एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस बार उन्होंने बिना नाम लिए शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एक-एक कर वरिष्ठ नेताओं को ठिकाने लगाया गया। यहां तक कि कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता को प्रदेश छोड़ना पड़ गया और लक्ष्मीकांत शर्मा को व्यापमं में फंसा कर उनके बढ़ते कद को रोक दिया गया। गौर ने एक के बाद एक कई नेताओं के नाम लेकर कहा कि इन नेताओं की दुर्गति किसी से छिपी नहीं है।

बिना गलती कैबिनेट से बाहर निकाला- बता दें कि हाल ही में बाबूलाल गौर ने यह दावा किया था कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट देने की पेशकश की थी। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में गौर के कांग्रेस में जाने की चर्चा होने लगी। जिसके बाद गौर एक और बयान देकर फिर से सुर्ख़ियों में आ गए हैं। नई दुनिया अखबार से बात करते हुए बाबूलाल गौर ने कहा कि पार्टी ने उन्हें मजदूर से मुख्यमंत्री बनाया तो इसके बदले में हमने काम भी किया है। गौर ने कहा इस बार मुझे बिना गलती के कैबिनेट से बाहर निकाल दिया गया । इससे मेरे जीवन भर की मेहनत और सम्मान को धक्का लगा है।

इशारों में शिवराज पर तंज- बाबूलाल गौर ने बिना नाम लिए कहा कि प्रदेश में कई वरिष्ठ नेताओं को ठिकाने लगाया गया। उन्होंने कहा कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता को प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके अलावा लक्ष्मीकांत शर्मा का कद बढ़ता दिखा तो उन्हें व्यापमं मामले में फंसा दिया गया। गौर ने कहा कि राघवजी, सरताज सिंह और रामकृष्ण कुसमरिया जैसे उम्रदराज, अनुभवी और पांच-छह बार के सांसद रहे नेताओं को भी अपमानित किया गया।

गौर ने कहा कि किस तरह इन नेताओं की दुर्गति की गई, यह बात किसी से छिपी नहीं है। सब जानते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ एक प्लानिंग के तहत किया गया। गौर ने खुद को कैबिनेट से निकले जाने को लेकर कहा कि सम्मान नहीं दे सकते, मत दो, कम से कम अपमानित तो न करो।