मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शिवरात्रि (Shivratri) के त्योहार पर पूजा करने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद लड़ाई शुरू हो गई। इस लड़ाई में करीब 14 लोग घायल हो गए। दलित समुदाय (Dalit community) के सदस्यों ने आरोप लगाया कि तथाकथित ‘उच्च जाति’ के कुछ लोगों ने कथित तौर पर उन्हें खरगोन जिले के एक मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था।

मामले को लेकर पुलिस ने कहा है कि सनावद इलाके के छपरा गांव में तीन अन्य समुदायों के लोगों द्वारा बनाए गए शिव मंदिर में दलितों के पूजा करने पर बहस मारपीट में बदल गई।

राजधानी भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर इलाके में हुई हिंसा में दोनों तरफ से अंधाधुंध पत्थरबाजी की खबर है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विनोद दीक्षित ने कहा, “दोनों ओर से भारी पथराव हुआ। दोनों पक्षों की ओर से शिकायत की गई है और कार्रवाई की जाएगी।” दलित समुदाय के एक व्यक्ति प्रेमलाल (Premlal) द्वारा दायर की गई एक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गुर्जर समुदाय (Gurjar community) के भैया लाल पटेल के नेतृत्व में एक समूह ने दलित लड़कियों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था।

पुलिस ने 17 संदिग्धों और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा करने और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सुरक्षा के कानून भी शामिल हैं। रविंद्र राव मराठा (Ravindra Rao Maratha) की शिकायत पर प्रेमलाल व 33 अन्य के खिलाफ हथियार से हमला करने का भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

विनोद दीक्षित ने कहा, “पुलिस और राजस्व अधिकारियों की एक टीम ने गांव का दौरा किया। दोनों पक्षों को समझाया गया कि किसी भी जाति को मंदिर में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता है। गांव के लोग पिछले कुछ दिनों से एक बरगद के पेड़ को काटने, जिसे कुछ लोग पवित्र मानते हैं और संविधान निर्माता और दलित आइकन बीआर अंबेडकर (BR Ambedkar) की मूर्ति स्थापित करने के प्रस्ताव को लेकर चिंतित थे।

पेड़ काटने को लेकर गुर्जरों द्वारा दलित समुदाय के छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक पेड़ को काटने का भी मामला था। यह समझाया गया था कि बिना अनुमति के पेड़ नहीं काटे जा सकते।