कोरोना संकट के बीच 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले शिवराज सिंह चौहान अपना एक महीने का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। करीब एक महीने बाद चौहान ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चौहान के नेतृत्व में बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा समेत पांच लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री भी शामिल हैं।

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में एक छोटे एवं सादे समारोह में इन सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।  मुख्यमंत्री ने जिन पांच सदस्यों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया है उनमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह एवं कमल पटेल शामिल हैं।

शपथ ग्रहण के दौरान राजभवन में मंत्री समेत कई नेता मास्क पहने हुए भी नज़र आए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की गिनती पूर्व सांसद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थकों में होती है। ये दोनों कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे और सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उन 22 विधायकों में शामिल थे। ऐसे में साफ है कि कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में आए सिंधिया का सरकार गठन में बड़ा रोल रहा है।

आज शपथ लेने वाले पांच मंत्रियों में एक ब्राह्मण – मिश्रा, एक क्षत्रिय – राजपूत, एक अनुसूचित जाति – सिलावट, एक अनुसूचित जनजाति एवं एक अन्य पिछड़ा वर्ग  – पटेल से हैं और इस प्रकार चौहान ने इस विस्तार में जातीय समीकरण को ध्यान में रखा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना के मद्देनजर मंत्रिमंडल ज्यादा बड़ा नहीं रखा गया है। शिवराज के साथ प्रदेश पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी चाहते थे कि छोटा मंत्रिमंडल बने जिससे कामकाज सुचारू रूप से चल सके।

बता दें कि कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्‍विजय सिंह से अनबन होने के बाद 11 मार्च को सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक भी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसके चलते कमलनाथ सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया और शक्ति परीक्षण से पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान को चौथी बार राज्य का सीएम बनने का मौका मिला।