राजनीतिक पार्टियां उद्घोषणाएं चाहे जितनी कर लें लेकिन किसानों के हालात नहीं बदल रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ सरकारी सिस्टम और भ्रष्टाचार की चोट भी किसानों को झेलनी पड़ती है। नेताओं द्वारा किसानों के लिए किया गया संघर्ष अंत में नूरा कुश्ती ही साबित होता है। भ्रष्टाचार ने किस तरह से अपनी जड़ पसार रखी है इसका अंदाजा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में एक किसान के साथ हुई ज्यादती से लगा सकते हैं। टीकमगढ़ जिले में एक किसान से रिश्वत मांगी गई। तहसीलदार द्वारा मांगी गई रिश्वत किसान देने में असमर्थ था तो उसने तहसीलदार के जीप में अपनी भैंस बांध दी।सोशल मीडिया पर भी यह तस्वीर वायरल हो रही है।
क्या है मामला- दरअसल मामला टीकमगढ़ जिले की खरगापुर तहसील के देवपुर गांव का है। हुआ यूं कि किसान लक्ष्मी यादव ने अपनी दो बहुओं के नाम जमीन खरीदी।इस जमीन के नामांतरण और राजस्व पुस्तिका बनावाने के लिए तहसीदार के पास लक्ष्मी ने आवेदन दिया था। किसान लक्ष्मी यादव का कहना है कि जमीन नामांतरण करने और राजस्व पुस्तिका बनाने के एवज में तहसीलदार ने 1 लाख की रिश्वत की मांग की जिसमें से 50 हजार लक्ष्मी यादव ने पहले ही दे दिए थे। लक्ष्मी का कहना है कि अब उनके पास इतना कैश नहीं है तो उन्होंने भैंस ही दे दी।
टीकमगढ़ के कलेक्टर सौरव कुमार ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है।बलदेवगढ़ की एसडीएम को जांच के आदेश दिए गए हैं। एसडीएम वंदना राजपूत से मिलकर किसान ने लिखित शिकायत दी है। जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी सौरव कुमार का सुमन का कहना है कि जांच में यह भी देखना होगा कि क्या जान बूझकर किसान का मामला लंबित रखा गया। अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) वंदना राजपूत का कहना है कि मामला जमीन के नामांतरण का है। एक मामला सुलझा दिया गया है जबकि दूसरा प्रक्रिया में है।