मध्यप्रदेश की सुरखी से विधानसभा चुनाव हारे भाजपा प्रत्याशी सुधीर यादव ने कहा कि पार्टी ने मुझे देर से चुनाव मैदान में उतारा। उन्होंने हार का कारण भितरघातियों को बताया और कहा कि इसकी सजा सिर्फ मौत है। उन्होंने कहा कि यदि 20-25 दिन पहले टिकट मिल जाता तो परिणाम कुछ और होते। सुधीर यादव सागर से बीजेपी सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे है।

दरअसल, सुधीर यादव ने सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था। जहां उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार गोविंद राजपूत से हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव के दौरान ही एट्रोसिटी एक्ट के एक मामले में उन्हें 24 घंटे जेल में भी रहना पड़ा था। जिसके बाद गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी हार का कारण पार्टी के अंदर भितरघात भी रही है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को उचित फोरम पर उठाएंगे, मगर गद्दारों की सजा ‘सजा-ए-मौत’ है। अपने एक दिन के जेल के अनुभवों को बताते हुए कहा कि कैदियों की दुर्दशा को लेकर वे एनजीओ के माध्यम से आवाज बुलंद करेंगे।

उन्होंने कहा कि सागर की सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए कंबल, ब्रश, टूथपेस्ट, साबुन आदि की दिक्क्त है। कैदियों को खाने में गिनकर रोटियां दी जाती है। जो उनके अधिकारों का हनन है। शायद इसीलिए भाजपा सरकार के खिलाफ कैदियों में आक्रोश था।

उन्होंने एट्रोसिटी एक्ट के दुरूपयोग की बात कही और कहा कि मुझे इस झूठे केस में फंसाने के पीछे कुछ कांग्रेस के नेता हैं। उनके खिलाफ मैं परिवाद पेश करूंगा। गौरतलब है कि सुधीर यादव के खिलाफ राहतगढ़ के बेरखेड़ी सड़क निवासी युवक ने जातिसूचक गाली देने और मारपीट करने का आरोप लगाया था।