कफ सिरप से छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत होने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने खांसी की एक दवा की बिक्री और इसके डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया है। इस दवा में जहरीला रसायन पाया गया है और इसकी वजह से ही राज्य के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत हो चुकी है।
राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक कार्यालय ने पूरे मध्य प्रदेश के ड्रग्स इंस्पेक्टर्स को आदेश दिया है कि Sresan Pharmaceutical कंपनी द्वारा बनाई गई Coldrif Syrup की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन तुरंत बंद करवाया जाए।
राज्य की मोहन यादव सरकार ने यह निर्देश तमिलनाडु की लैब में हुए टेस्ट के बाद जारी किया है। टेस्ट में दवा में बेहद खतरनाक केमिकल मिला है।
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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
तमिलनाडु की सरकारी लैब में हुए टेस्ट के अनुसार Coldrif Syrup की गुणवत्ता स्टैंडर्ड के हिसाब से नहीं है क्योंकि इसमें 48.6 प्रतिशत Diethylene Glycol मिला है, जो जहरीला इंडस्ट्रियल केमिकल है और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इस कफ सिरप के सैंपल में मिलावटी पाई गई है।
अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी रोक के आदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि पूरे मध्य प्रदेश में इस सिरप की बिक्री को बैन कर दिया गया है और कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कफ सिरप को कांचीपुरम (तमिलनाडु) की एक फैक्ट्री में बनाया गया था और इसी वजह से राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच कराने का अनुरोध किया था।
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दोषियों को नहीं बख्शेंगे- यादव
यादव ने कहा कि शुक्रवार सुबह ही जांच रिपोर्ट मिली है और इसके आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत होने के मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
मध्य प्रदेश में इस सिरप से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि राजस्थान में भी 2 बच्चों की जान गई है। बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एडवाइजरी जारी कर कहा था कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दें।