मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में वार्ड नंबर 44 के पार्षद एवं हिन्दू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया ने बुधवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। बाबूलाल वही नेता हैं जिन्होने 2017 में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति की स्थापना की थी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी की मौजूदगी में चौरसिया कांग्रेस में शामिल हुए।

बाबूलाल चौरसिया, जो 2017 में ग्वालियर में नाथूराम गोडसे की मूर्ति की स्थापना के लिए एक कार्यक्रम में शामिल हुए, कल पूर्व सीएम कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए। चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी के नेता मानक अग्रवाल ने कहा है कि गोडसे की पूजा करने वालों को कांग्रेस में शामिल नहीं करवाना चाहिए। हम इसके सख्त खिलाफ हैं। कमलनाथ जानकारी में सारी चीजें नहीं होंगी। इसलिए उन्होंने पार्टी में शामिल करा दिया, इसका विरोध किया जाएगा।

चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की है। कांग्रेस में शामिल होने पर बाबूलाल चौरसिया ने कहा है कि वे जन्मजात कांग्रेसी हैं। हिन्दू महासभा ने उन्हें अंधेरे में रखकर गोडसे की पूजा कराई थी। पिछले 2-3 साल से वे इनके इस तरह के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहा थे। उनके मन में हिन्दू महासभा की विचारधारा समाहित नहीं हो सकी।

बता दें इस साल जनवरी में ग्वालियर में हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे के नाम पर एक लाइब्रेरी की स्थापना की थी। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर निशाना साधा था।

उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, ”शिवराज सरकार में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा भी की जा सकती है। पहले आरती का आयोजन, फिर महिमामंडन, अब गोडसे ग्यानशाला। ग्वालियर में राष्ट्रपिता की एक बार फिर हत्या की गई। ”