मध्यप्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच विधानसभा का महत्वपूर्ण सत्र सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुआ। राज्यपाल के भाषण के बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कोरोना वायरस के चलते विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसी के साथ कमलनाथ सरकार की 10 दिन की जीवनरेखा और बढ़ गई है। जैसे ही मध्य प्रदेश विधानसभा 10 दिनों के लिए स्थगित हुई लोग सोशल मीडिया पर मज़े लेने लगे।

सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे कमलनाथ सरकार की चाल बताते हुए उन्हें ट्रोल करना शुर कर दिया। एक यूजर ने लिखा कि कमलनाथ सरकार के रूप में कोरोना ने भारत में पहला मरीज बचाया है। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा “कोन कहता है कोरॉना सिर्फ जान लेता हे? आज कोरोंना ने ही कमलनाथ सरकार की जान बचाई है।” एक ने लिखा “कोरोना का हवाला देकर कमलनाथ बहुमत परीक्षण से भागे, स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की, बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी!”

कुछ यूजर्स ने इसे कमलनाथ का मास्टरस्ट्रोक भी बताया। एक ने लिखा “कमलनाथ जी ने महाराज और शिवराज को दिन में तारे दिखा दिए। यह तो अभी कमलनाथ का पेहला मास्टरस्ट्रोक है, आगे आगे देखो होता है क्या!”

बता दें कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे थे। विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के अनुसार विधायकों को ये मास्क विधानसभा प्रबंधन द्वारा प्रदान किए गए थे।

गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये। उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं।

शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।