उत्तरप्रदेश के लखनऊ में बहुचर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड में स्पेशल इन्वेटिगेशन टीम (एसआइटी) ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इस जांच रिपोर्ट में सामने आया कि विवेक की गाड़ी से सिपाही प्रशांत और संदीप की जान को कोई खतरा नहीं था, फिर भी विवेक पर फायरिंग की गई। इस हत्याकांड में पुलिसवालों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
इस हत्याकांड में गठित एसआईटी ने कल अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक सिपाही प्रशांत चौधरी पर 302 और संदीप के खिलाफ 323 के तहत मुकदमा दायर किया जाएगा। एसआईटी की जांच रिपोर्ट में प्रशांत चौधरी की आत्मरक्षा में गोली चलाने की थ्योरी को भी खारिज कर दिया गया। जिस पिस्टल से विवेक को गोली मारी गई थी। वह पिस्टल सिपाही प्रशांत कुमार के नाम पर अलॉट थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि वारदात के समय विवेक तिवारी की गाड़ी चल रही थी। ऐसे में सीधे निशाना लेकर विवेक पर गोली चलाना फायरिंग की ट्रेनिंग के खिलाफ है। एसआईटी इस जांच रिपोर्ट को डीजीपी ओपी सिंह को सौंपेगी।
बता दें कि लखनऊ में ऐप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोमतीनगर में 28 सितंबर की रात गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। हत्या का आरोप आरक्षी प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार पर लगा था। जिसके बाद अगले ही दिन उन्हें बर्खास्त करके जेल भेज दिया गया था। इस हत्याकांड में मृतक विवेक के साथ उसकी साथी सना मौजूद थी जोकि इस घटना की इकलौती चश्मदीद गवाह भी है। हत्याकांड के बाद प्रदेश सरकार की चारों तरफ आलोचना हुई थी। जिसके बाद डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने लखनऊ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडेय के नेतृत्व में एसआईटी गठित करके जांच शुरू कराई।
इस हत्याकांड में क्राइम सीन रीक्रिएशन, वादी व गवाहों के बयान, सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, एसआईटी और विवेचक ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, दोनों वाहनों के तकनीकी मुआयना, पिस्टल व बुलेट की फोरेंसिक जांच व अन्य तरीके से गहन छानबीन करके सबूत एकत्र किए गए। जिसके बाद इस हत्याकांड में पुलिसवालों को जिम्मेदार ठहराया गया है।