लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वोत्तर में अपनी जड़े मजबूत कर रही बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को असम में रैली की। उन्होंने NRC (नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजंस) का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम असम को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे।’ शाह का यह बयान असम के लखीमपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सामने आया। गौरतलब है कि असम में दिनों NRC और नागरिकता संशोधन बिल 2016 को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है।
‘घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे’: शाह ने कहा, ‘बीजेपी सरकार राज्य में NRC लेकर आई है। हमारा वादा है कि NRC की मदद से हम हर घुसपैठिये को बाहर निकालेंगे और असम को दूसरा कश्मीर बनने से बचाएंगे।’ शाह का यह बयान उस समय आया है जब पूरा देश जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले को लेकर गुस्से में है। इस हमले में देश ने CRPF के 40 जवानों को एक साथ खो दिया। शहीदों के तिरंगे में लिपटे शवों और उनकी कहानियों ने हर किसी को गमगीन कर दिया है।
क्या है NRC और नागरिकता संशोधन बिलः NRC ऐसी व्यवस्था है जिसमें जिससे यह पता चल जाएगा कि कौन भारत का नागरिक है और कौन घुसपैठिया है। इसमें 25 मार्च 1971 से पहले से असम में रहने वाले लोगों को ही भारत का नागरिक माना गया है। इस व्यवस्था के हिसाब से करीब 40 लाख लोगों की नागरिकता खतरे में पड़ गई है। वहीं नागरिकता संशोधन बिल का मकसद अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदायों जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई आदि के लोगों बिना वैध दस्तावेजों के भी भारत की नागरिकता दने का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत उनके निवास काल को भी 11 से घटाकर छह साल कर दिया गया है।

