महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद को लेकर अब कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की चिट्ठी बांट रहे 8 पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। मनसे कार्यकर्ता मुंबई के चेंबूर इलाके में घर-घर जाकर चिट्ठी बांट रहे थे। पुलिस ने पहले उन्हें ऐसा करने से रोका, लेकिन वो नहीं माने, अंततः पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया।
दरअसल राज ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वे घर-घर जाकर उनकी चिट्ठी पहुंचाएं। अपने नेता का निर्देश पाते ही कार्यकर्ता चिट्ठी बांटने में जुट गए हैं। गत गुरुवार राज ठाकरे ने ट्विटर पर अपना ये पत्र साझा भी किया था। ट्वीट के कैप्शन में लिखा था, महाराष्ट्र सैनिकों के लिए…
तो क्या है पत्र में
अपने पत्र में राज ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता से अपील की है कि अगर आप अपने इलाके के लगे लाउडस्पीकर की आवाज से परेशान हैं तो 100 नंबर डायल कर पुलिस से शिकायत करें। आपके घर पहुंचने वाले मनसे सैनिकों का नाम और मोबाइल नंबर जरूर सेव कर लें। जब आप संकट में हों, इनसे संपर्क करें। महाराष्ट्र के ये सिपाही दौड़ते हुए आएंगे।
साथ ही पत्र में लिखा है कि अगर आपके क्षेत्र में कहीं भी ध्वनि के नियमों का पालन नहीं हो रहा तो वहां हस्ताक्षर अभियान चलाएं और पुलिस से शिकायत करें। इस चिट्ठी को मराठी के अलावा हिन्दी और अंग्रेजी में भी छपवाया गया है।
क्या चाहते हैं राज ठाकरे
राज ठाकरे लाउडस्पीकर विवाद के जरिए महाराष्ट्र की राजनीति में खुद को सक्रिय दिखाना चाहते हैं। वो लगातार लोगों से लाउडस्पीकर बैन कराने के लिए समर्थन मांग रहे हैं। जनता को लाउडस्पीकर के खिलाफ एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। ठाकरे की मांग रही है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाया जाए। उनका मानना है कि अजान को लाउडस्पीकर के जरिए सभी को सुनाना सही नहीं है। इसके अलावा वो चेतावनी भी देते रहे हैं कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया तो उनकी पार्टी हनुमान चालीसा भी लाउडस्पीकर पर बजाएगी।
इन चेतावनियों के बीच उद्धव सरकार राज ठाकरे पर कानून शिकंजा कसने की तैयारी में है। 1 मई यानी महाराष्ट्र दिवस को ठाकरे ने औरंगाबाद में एक जनसभा को संबोधित किया था। पुलिस के मुताबिक, वहां उन्होंने ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। अब पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज किया है।
