मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) में काम करने वाले एक क्लर्क के ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति का पता लगाया है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी क्लर्क का नाम राजेन्द्र बिरथरे है जो प्रशासन शाखा में सहायक ग्रेड-2 के पद पर तैनात है। लोकायुक्त पुलिस ने बिरथरे के इंदौर समेत खरगोन जिले के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान बिरथरे, उनकी पत्नी और तीनों बेटों के नाम पर मकान, दुकान, रेशिडेंशियल प्लॉट, कई एकड़ जमीन, चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन और लाखों की ज्वेलरी बरामद हुई है।
राजेन्द्र बिरथरे के पास से इंदौर के पॉश इलाके संतनगर में 1460 वर्गफीट का एक प्लॉट और संतनगर में ही तीन मंजिला एक मकान का पता चला है। बेटे रविन्द्र के नाम से खरगोन जिले के महेश्वर तहसील के झारा गांव में 2.5 एकड़ जमीन, पड़ोसी गांव झारा सेजगांव में भी 6 एकड़ जमीन का पता चला है। पत्नी मंगला देवी के नाम से भी झारा गांव में एक एकड़ जमीन का खुलासा हुआ है। लोकायुक्त पुलिस ने छापेमारी में खुद राजेन्द्र बिरथरे के नाम से इंदौर जिले के तलावली चांदा में एक मकान, बेटे रविन्द्र बिरथरे के नाम से तलावली चांदा में ही डेढ़ हेक्टेयर में शिव-गोमती हाईराइज्ड मल्टी रेशिडेंशियल अपार्टमेन्ट और सर्वजल प्लांट का पता लगाया है।
दूसरे बेटे सुमित बिरथरे के नाम से तलावली चांदा में ही मेन रोड पर द्वारका पान भंडार नाम से पान की दुकान का पता चला है। इसके अलावा उसके घर से 5 फोर व्हीलर कार, चार टू व्हीलर गाड़ी और लाखों की ज्वेलरी बरामद हुई है। राजेन्द्र बिरथरे के पिता शिव प्रसाद इंदौर के ग्राम तलावली चांदा में रहकर खेती करते थे और दूध बेचने का धन्धा करते थे। उनका वर्ष 1974 में निधन हो गया था।
राजेन्द्र बिरथरे साल 1982 में शासकीय सेवा में आये और अधिकांश समय प्राधिकरण की सम्पदा शाखा में पदस्थ रहे हैं। अभी प्रशासन शाखा में तैनाती है। राजेन्द्र बिरथरे की नौकरी के 34 साल पूरे हो चुके हैं और जनवरी 2017 में सेवानिवृत्त होने वाले है। राजेन्द्र बिरथरे की पत्नी मंगलाबाई है जो गृहिणी हैं। तीन लड़के रविन्द्र, विकास, सुमित हैं। लोकायुक्त पुलिस की तलाशी कार्यवाही अभी भी जारी है। जांच अधिकारियों को शक है कि राजेन्द्र बिरथरे के पास अभी और संपत्ति की बरामदगी हो सकती है। लोकायुक्त पुलिस ने राजेन्द्र बिरथरे को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
(कीर्ति राजेश चौरसिया के सौजन्य से)

