Bihar Politics: लोकसभा चुनाव के लिए बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 17 पर जबकि जेडीयू 16 पर चुनाव लड़ेगी। जैसा कि पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था, चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटें मिली हैं। इसके अलावा उपेंद्र कुशवाह की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल और जीतन राम मांझी की पार्टी हम एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं पशुपति पारस को एनडीए ने दरकिनार कर दिया है। अब अटकलें हैं कि वह जल्द ही मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देंगे।
सोमवार को दिल्ली में एनडीए द्वारा बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद पारस ने अपने सरकारी आवास पर पार्टी के नेताओं के साथ मीटिंग की। इसमें एनडीए से नाता तोड़ कर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया गया। मीटिंग में शामिल एक सूत्र ने बताया कि पशुपति पारस ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि जब एनडीए ने हमारी पार्टी को कोई भी सम्मान नहीं दिया है। वहीं पार्टी पूरी तरह से चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है। सूत्र ने यह भी कहा कि पार्टी ने जहां-जहां पर साल 2019 में इलेक्शन लड़ा था। वहां पर पार्टी उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
महागठबंधन में शामिल होने की अटकलें
दिल्ली में पारस के आवास पर चली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की मीटिंग में महागठबंधन में शामिल होने के विकल्प पर चर्चा हुई। इसमें पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, सांसद चंदन सिंह और सांसद प्रिस राज समेत अन्य नेता मौजूद थे। पारस ने पहले ही साफ कर दिया था कि हम सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर बात बनने तक इंतजार करेंगे। अब हमारे लिए एकमात्र विकल्प बचा है। पार्टी के अस्तित्व का सवाल है। एनडीए में हमारे साथ न्याय नहीं हुआ। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि महागठबंधन में हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, वैशाली और नवादा लोकसभा सीट मिलेगी। पारस खुद हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे।
सीटों पर एनडीए की ओर से अंतिम मुहर लगने के बाद चिराग पासवान ने भी अपनी प्रतिक्रिया में साफ कहा है कि अगर मुझे हाजीपुर सीट मिलेगी तो मैं वहीं से चुनाव लड़ूंगा। बता दें कि राम विलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। चिराग खुद को राम विलास पासवान का असली उत्तराधिकारी बताते हैं। पशुपति पारस का कहना है कि संपत्ति के वारिस भले ही चिराग हों, लेकिन राजनीतिक तौर पर मैं ही राम विलास पासवान का असली वारिस हूं। हाजीपुर राम विलास पासवान की कर्मभूमि और निर्वाचन क्षेत्र रहा है। हाजीपुर सीट को लेकर चिराग और उनके चाचा के बीच विवाद जगजाहिर है। ऐसे में अगर चिराग और पशुपति पारस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो चुनाव निश्चित तौर पर दिलचस्प होगा।