लोकसभा चुनाव 2019 संपन्न हो चुका है। केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। जिन दलों के चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं आए, वे समीक्षा में जुटे हैं। हालांकि, बंगाल से अभी चुनावी हैंगओवर नहीं उतरा है। यहां की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राज्य में दूसरे नंबर पर पहुंची बीजेपी के बीच राजनीतिक तल्खी लगातार बढ़ रही है। अपनी उम्मीदों से फिसली टीएमसी किसी भी कीमत पर अपने खोए जनाधार को पाने के लिए बेचैन है तो बीजेपी लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए आगे बढ़ना चाहती है। हालांकि, दोनों पार्टियां अपने लक्ष्य को पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इसी कोशिश में बंगाल की राजनीति जय श्रीराम, जय मां काली, पोस्टकार्ड और वॉट्सऐप मैसेज की लड़ाई बन गई है। इनके अलावा दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत आम बात है। जय श्रीराम के नारे को लेकर हाल ही में उपजा विवाद देश भर में चर्चित हो चुका है। बीजेपी कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगा रहे हैं। वहीं, टीएमसी नेता इसे सियासी फंडा साबित करने में जुटे हैं।
यहां से शुरू हुआ विवाद: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाल ही में उत्तर 24 परगना जिले के दौरे पर गई थीं। रास्ते में कथित तौर पर बीजेपी समर्थकों ने उनके काफिले को देखकर जय श्रीराम के नारे लगाए थे। ममता बनर्जी इससे नाराज हो गईं और उन्होंने गाड़ी से उतरकर नारा लगाने वालों को खरी-खोटी सुनाई। साथ ही, पुलिस को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। उसी रात पुलिस ने बीजेपी के 10 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, अगले ही दिन उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ भी दिया गया था। अब बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है। बैरकपुर से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने मुख्यमंत्री बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
National Hindi News, 05 June 2019 LIVE Updates: दिनभर की खबरें जानने के लिए यहां क्लिक करें
बीजेपी ने खोल दिया मोर्चा: बैरकपुर से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने मुख्यमंत्री बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को जय श्रीराम के नारे से क्या परेशानी है। सिंह ने जय श्री राम लिखे 10 लाख पोस्टकार्ड ममता बनर्जी के आवास पर भेजने की घोषणा कर दी। इसमें बीजेपी की पूरी प्रदेश इकाई भी कूद पड़ी। सभी नेताओं ने तृणमूल प्रमुख पर हमला तेज कर दिया। कैलाश विजयवर्गीय ने तो यहां तक कह डाला कि देश भर से भाजपा कार्यकर्ता ममता बनर्जी को जय श्री राम लिखा पोस्टकार्ड भेजना चाहते हैं।
Bihar News Today, 05 June 2019 Live Updates: बिहार से संबंधित हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
ममता बनर्जी ने फेसबुक पर लिखा पोस्ट: बीजेपी के इस हमले के बाद ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर बहुत बड़ा पोस्ट लिखा। अंग्रेजी, हिंदी और बांग्ला में लिखे अपने पोस्ट में उन्होंने बीजेपी पर धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने लिखा था कि बीजेपी राम के नाम पर राजनीति कर रही है। ममता के मुताबिक, उन्हें किसी राजनीतिक दल की रैली व उनके नारों से कोई परेशानी नहीं है। हर पार्टी का अपना नारा होता है। हमारी पार्टी का नारा वंदे मातरम, जय हिंद – जय बांग्ला है। इसी तरह से अन्य दलों के नारे हैं, लेकिन बीजेपी जय श्रीराम के नारे को अपने पार्टी के नारे के रूप में इस्तेमाल करके धर्म और राजनीति का घालमेल कर रही है।
टीएमसी ने ऐसे किया पलटवार: टीएमसी के कार्यकर्ता भी पीछे रहने वाले नहीं थे। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा के पोस्टकार्ड का जवाब देने की योजना बनाई। थोड़ी ही देर में बीजेपी की प्रदेश इकाई के बड़े पदाधिकारियों और सांसदों के फोन नंबर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने लगे। बीजेपी नेताओं के निजी फोन नंबर पर जय बांग्ला, जय हिंद, ममता बनर्जी जिंदाबाद के नारे वॉट्सऐप मैसेज के माध्यम से पहुंचने लगे। दमदम इलाके के टीएमसी नेताओं ने प्रधानमंत्री को अपनी पार्टी के नारे लिखे पोस्टकार्ड मंगलवार को भेजे। यह लड़ाई अभी दोनों ओर से जोर-शोर से चल रही है।
बीजेपी ने बंगाल में बदला नारा: टीएमसी से बढ़ती लड़ाई को देखते हुए बीजेपी ने स्थानीय सेंटीमेंट का भी ध्यान रखा। इसके बाद बीजेपी ने तय किया कि पश्चिम बंगाल में उसका नारा जय श्रीराम और जय महाकाली होगा। बीजेपी ने यह भी साफ कर दिया कि टीएमसी के खिलाफ उसकी राजनीतिक लड़ाई लंबी चलेगी। बीजेपी पर टीएमसी बाहरी होने का आरोप लगाती रही है। साथ ही, कहती है कि बीजेपी बंगाल में बाहरी संस्कृति का आयात कर रही है। समझा जा रहा है कि बीजेपी ने अपने नारे में जय महाकाली को शामिल करके टीएमसी के आरोपों का जवाब दिया है।
विधानसभा चुनाव पर दोनों दलों की नजर: गौरतलब है कि 2021 में बंगाल में विधानसभा का चुनाव होगा। एक ओर टीएमसी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली कड़ी चुनौती पीछे छोड़ अपने जनाधार को पहले की तरह मजबूती प्रदान करने में जुटी है। वहीं, बीजेपी लोकसभा चुनाव के बाद अब आने वाले विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी को पटखनी देने की तैयारी कर रही है। ऐसे में दोनों पक्ष एक-दूसरे के लिए एक इंच भी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
टीएमसी की यह तैयारी: लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के लिए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी अब तक 2 बैठकें कर चुकी हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे मतदाताओं से सीधे संपर्क करें। पिछली गलतियों को सुधारें और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरें। आम जनता से जुड़े मुद्दों को उठाएं। मंगलवार (4 जून) को ही टीएमसी के अघोषित नंबर-2 और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर सड़क पर उतरे थे। सिर्फ कोलकाता ही नहीं, बल्कि प्रदेश में अन्य हिस्सों में विरोध जुलूस निकाला गया था। टीएमसी का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
बीजेपी भी पीछे नहीं: विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारियां भी कम नहीं हैं। पार्टी नेतृत्व लगातार बैठकें कर रहा है। मंगलवार को टीएमसी ने रसोई गैस की कीमत को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया तो बीजेपी ने अपने सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों, सासंदों और विधायकों की बैठक बुलाई। इसमें टीएमसी को टक्कर देने की रणनीति पर चर्चा हुई। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी व टीएमसी के बीच की यह लड़ाई और तेज होगी। (कोलकाता से पूनम चौधरी की रिपोर्ट)