केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने गुरुवार सुबह आपातकालीन बैठक बुलाई है। सीट बंटवारे को लेकर चल रही जोड़-तोड़ से पहले चिराग के द्वारा आपातकालीन बैठक क्यों बुलाई गई है, इसे लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। चिराग पासवान ने इससे पहले ट्वीट कर कहा था- “जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो।” इस ट्वीट के जरिये भी चिराग पासवान ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे।
बिहार से आ रही राजनीतिक खबरों के मुताबिक, चिराग पासवान कम से कम 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहते हैं लेकिन बीजेपी और जेडीयू उन्हें 25 से ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं।
एनडीए से अलग होकर लड़ा था चुनाव
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था और जेडीयू को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था। हालांकि यह उम्मीद की जा रही है कि चिराग पासवान इस बार 2020 के विधानसभा चुनाव जैसा कदम नहीं उठाएंगे।
मंगलवार को चिराग पासवान की बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के साथ एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई थी। खबरों के मुताबिक, कई ऐसी सीटें हैं, जहां पर बीजेपी और जेडीयू की दावेदारी है, वहां पर चिराग पासवान भी चुनाव लड़ना चाहते हैं।
सवाल यह है कि चिराग पासवान की पार्टी को एनडीए गठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए कितनी सीटें मिलेंगी? चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान बिहार और देशभर की दलित राजनीति के बड़े चेहरों में शुमार थे।
माना जा रहा है कि चिराग पासवान एनडीए छोड़कर जाने जैसा बड़ा कदम नहीं उठाएंगे और वह ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए दबाव की रणनीति बना रहे हैं। चिराग पासवान की ही तरह केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के लिए ज्यादा सीटें झटकने की कोशिश कर रहे हैं।