बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के एक विधायक का विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विधायक मजदूरों से बात कर रहे हैं और उनके सवालों का जवाब देते हुए नाराज़ हो रहे हैं। शेखपुरा के विधायक रणधीर कुमार सोनी चांदी गांव में क्वांरटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों का हाल जानने पहुंचे। इस दौरान वहां खड़े नाराज़ मजदूरों ने विधायक से रोजगार को लेकर कुछ तीखे सवाल पूछे। इसपर विधायक ने पलटकर कहा ‘तोर बाबूजी तुमको पैदा किये रोज़गार दिए?’

वीडियो में देखा जा सकता है कि मजदूरों ने विधायक से कहा “आप दस साल से इस इलाके के विधायक हैं, रोजगार नहीं दिये तो गाँव वाले क्या इस पूरे इलाके के लोग राज्य से बाहर रहेंगे। इसपर विधायक बोले “जो बाबूजी तुमको पैदा किये रोज़गार दिए?” विधायक की इस बात से नाराज होकर मजदूरों ने भी जवाब दे दिया और कहा कि हमारे वोट से जीत कर विधायक बने आप और रोजगार पिता जी से मांगे।

एक मजदूर ने कहा “नेता का काम है रोजगार देना। आप की ऊपर सरकार है नीचे सरकार है अपने एरिया में सुविधा दीजिये। यहां कोई सुविधा नहीं है। प्रवासी श्रमिकों ने विधायक रणधीर कुमार सोनी से कहा कि बिहार में हर जगह रोजगार की सुविधा होनी चाहिए ताकि किसी को बाहर न जाना पड़े। यदि यहीं रोजगार मिले तो कोई दूसरे राज्य में क्यों जाए। इसपर रणधीर कुमार सोनी बोले ‘दूसरे एरिया में है सुविधा?’ मजदूरों ने जवाब दिया कि हर जगह सुविधा है। नज़र घुमा के देख लीजिये हर छेत्र में सुविधा है। मजदूर ने विधायक को कई जिले गिनाए। जहां बेहतर सुविधाएं हैं।

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जेडीयू विधायक ने कहा कि शेखपुरा जिला से अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा लोग पलायन करते हैं। इसपर मजदूरों ने कहा कि पिछले दस वर्षों से आप शेखपुरा के विधायक हैं आपने अगर क्षेत्र के लिए कुछ काम किया होता तो आज मजदूरों का बुरा हाल नहीं होता। जिस लड़के ने यह बात कही विधायक ने उसकी ओर इशारा करते हुए कहा कि यह लड़का तो नेता बन रहा है। वायरल वीडियो में विधायक के साथ जेडीयू के जिलाध्यक्ष भी दिख रहे हैं।


बता दें ये वीडियो वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने ट्वीट किया है। दिबांग ने वीडियो शेयर कर लिखा “तोर बाबूजी तुमको पैदा किये रोज़गार दिए..’ ये हैं विधायकजी, नाम: रणधीर कुमार सोनी शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं। बोली में इतना घमंड, इतना गरूर, लगता हैं जैसे इनको अब कोई चुनाव नहीं लड़ना, या क्या आज मज़दूरों, मजबूरों और गरीबों से ऐसी ही भाषा बोल कर जीता जाता है चुनाव?”